छत्तीसगढ़ में सीएम चुनने पर्यवेक्षकों का दल आज पहुंचेगा रायपुर, रविवार को हो सकता है मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला
HIGHLIGHTS
- छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की
- विधायक दल की बैठक में रविवार को हो सकता है मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला
- छत्तीसगढ़ में रमन सिंह, अरुण साव, विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह के नामों की चर्चा
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh New CM: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। इनमें केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम शामिल हैं।
जानें कौन चुनेंगे हमारा मुख्यमंत्री
अर्जुंन मुंडा: केंद्र सरकार में जनजातीय मंत्रालय के मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके नाम सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड है। 2003 में इन्होंने 35 वर्ष की आयु में मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
सर्वानंद सोनोवाल: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं। इस लिहाज से भी उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें पूर्वोत्तर में भाजपा सरकार बनाने का अगुवा माना जाता है। सोनोवाल वर्ष 2012 और 2014 में दो बार असम भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2014 में संपन्न 16वें लोकसभा के चुनाव में वे लखीमपुर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए हैं।
दुष्यंत कुमार गौतम: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार को भी पार्टी ने पर्यवेक्षक का दायित्व सौंपा है। वे हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। इनके पास राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव बेहतर है। दुष्यंत गौतम दिल्ली विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह तीन बार वे भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं।
ऐसे करेंगे मुख्यमंत्री का चयन
पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री का नाम लेकर रायपुर आएंगे। विधायक दल की बैठक में वह विधायकों के साथ बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री के पद के लिए जो भी नाम आएगा उस पर विधायकों की राय लेंगे। जिसके पक्ष में ज्यादा विधायक होंगे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए ऐलान कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा को प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में से 54 सीटें मिली हैं, इनमें 35 कांग्रेस और एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के खाते में गई है।