Koffee With Karan: कई सारे तलाक का कारण बनी थी फिल्म ‘कभी अलविदा न कहना’, रानी मुखर्जी ने किया खुलासा"/> Koffee With Karan: कई सारे तलाक का कारण बनी थी फिल्म ‘कभी अलविदा न कहना’, रानी मुखर्जी ने किया खुलासा"/>

Koffee With Karan: कई सारे तलाक का कारण बनी थी फिल्म ‘कभी अलविदा न कहना’, रानी मुखर्जी ने किया खुलासा

HIGHLIGHTS

  1. कॉफी विद करण का छठा एपिसोड रिलीज किया गया है।
  2. एक्ट्रेसेस ने कई मजेदार और कई सीरियस किस्से सुनाए।
  3. रानी मुखर्जी ने भी अपनी फिल्म कभी अलविदा न कहना को लेकर खास बात शेयर की।

एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Koffee With Karan 8: बाॅलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से खूब वाहवाही लूटी है। हाल ही में करण जौहर के शो कॉफी विद करण का छठा एपिसोड रिलीज किया गया है। इस लेटेस्ट एपिसोड में करण जौहर के शो में गेस्ट के तौर पर काजोल और रानी मुखर्जी ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर कई खुलासे किए। एक्ट्रेसेस ने कई मजेदार और कई सीरियस किस्से सुनाए। वहीं, रानी मुखर्जी ने भी अपनी फिल्म कभी अलविदा न कहना को लेकर हैरान कर देने वाली बात बताई।

तलाक का कारण बनी थी फिल्म

रानी मुखर्जी ने बताया कि कभी अलविदा न कहना फिल्म के रिलीज होने के बाद कई तलाक हुए। क्योंकि यह फिल्म आंखें खोलने वाली थी। एक्ट्रेस ने कहा, “मुझे लगता है कि कभी अलविदा ना कहना के साथ यह हुआ, फिल्म रिलीज होने के बाद कई सारे तलाक हुए। बहुत सारे लोग थिएटर जा रहे थे और काफी डिसकंफर्ट के साथ फिल्म देख रहे थे। मुझे लगता है कि यह वह फीडबैक है, जो करण को उनकी फिल्म के लिए मिला था, इसने कई लोगों की आंखें खोल दी और उन्होंने अपनी खुशी के लिए फैसले लिए।”

अपने रोल को लेकर शेयर की बातें

इसके आगे रानी ने फिल्म में निभाए गए अपने किरदार माया के बारे में बात करते हुए कहा, “माया के कैरेक्टर के बारे में खूबसूरत बात यह है कि वह ऋषि से एक अलग तरह की कैपेसिटी और दोस्ती के साथ प्यार करती थी। उसे शाहरुख के किरदार के रूप में वह रोमांस मिला, जिसकी उसे हमेशा से तलाश थी। यह काफी जरूरी है कि महिलाओं की इच्छाओं और उनकी पसंद के बारे में बात की जाए। यदि आपका पति आपको पीटता नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह आपसे प्यार करता है। एक औरत से यह कभी नहीं पूछा जाता कि क्या वह इस आदमी के लिए सच में अट्रैक्ट है।”

इसके आगे रानी ने कहा, “सच में करण जौहर में इतनी हिम्मत थी कि उस समय उन्होंने ऐसी फिल्म बनाई। जबकि उन्हें खुद भी इसे लेकर यकीन नहीं था। मुझे लगता है कि ऐसी फिल्मों और ऐसे किरदारों के लिए खड़ा रहना काफी जरूरी है। लेकिन इंडियन सिनेमा के इतिहास में इसे हमेशा एक ऐसी फिल्म के रूप में याद किया जाएगा, जो अपने समय से आगे रही है।”

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