Raipur News : राजस्व संबंधी मामलों की सुनवाई पर विधानसभा चुनाव का असर, न्यायालयों में 12 हजार से ज्यादा प्रकरण लंबित
HIGHLIGHTS
- तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य राजस्व अधिकारियों की लगी है चुनाव ड्यूटी।
- 571 मामले पांच साल से लंबित, 179 मामलों की तो सुनवाई होते पांच साल से अधिक समय से हो चुका है।
- अधिकारी-कर्मचारी की वापसी के बाद ही शुरू होगी सुनवाई।
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी सहित प्रदेशभर में विधानसभा चुनाव का सीधा असर राजस्व मामलों पर देखने को मिल रहा है। कलेक्टर न्यायालय हो या एसडीएम या तहसील सभी जगहों पर मामले लंबित हैं। अकेले रायपुर जिले में 12 हजार से ज्यादा राजस्व मामले लंबित हैं। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 12,005 राजस्व मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। इसका प्रमुख कारण चुनावी कार्यों में तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य राजस्व अधिकारियों की ड्यूटी रही।
आचार संहिता लगने से पहले से ही तहसील कार्यालय के ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी निर्वाचन कार्यों में लगे रहे। इसके बाद ईवीएम की कमिशनिंग से लेकर प्रशिक्षण सहित अन्य कार्यों के अलावा मतदान करवाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं को सौंपी गई। इसकी वजह से ज्यादातर तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य जिम्मेदार अपनी अदालत में नहीं बैठ पाए और मामलों की पेंडेंसी बढ़ती गई। मतदान के बाद अब सोमवार से सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों में वापस लौटेंगे और इसके बाद मामलों का समय पर निराकरण किया जाना संभव हो सकेगा।
पटवारियों की उपलब्धता कार्यालयों में नहीं
चुनाव के दौरान पटवारियों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। मशीनों की कमीशनिंग से लेकर दिव्यांग सहित बुजुर्गों को घर से मतदान करवाने के लिए उन्हें भेजा गया था। इसकी वजह से अधिकांश पटवारी कार्यालयों में लोगों के जाने के बाद वे नहीं मिल सके। इसकी वजह से भी लोगों के प्रतिवेदन सहित कई अन्य कार्य अटके ही रहे।
विवादित मामले दो से पांच साल से लंबित
राजस्व मामलों में जमीन सहित अन्य कई ऐसे प्रकरण हैं, जो कि पछले कई वर्षों से लंबित हैं। आंकड़ों के अनुसार 1,275 मामले ऐसे हैं, जो कि दो साल से लंबित हैं। वहीं, 571 पांच साल से लंबित चल रहे हैं, जबकि 179 मामलों की तो सुनवाई होते पांच साल से अधिक समय से हो चुका है। लेकिन इनका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है।
लगातार लगाए गए राजस्व शिविर
जिला प्रशासन की ओर से राजस्व मामलों को निपटाने के लिए लगातार शिविर लगाए गए। इसके तहत रायपुर तहसील सहित जिले की अन्य सभी तहसीलों में भी प्रकरण निपटाने के लिए शिविरों के माध्यम से लोगों को राहत देने का प्रयास किया गया। लेकिन इन शिविरों में भी लोगों ने आने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसकी वजह से मामले और बढ़ते ही जा रहे हैं। प्रकरणों के निराकरण को लेकर कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि सारे प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं। हो सकता है चुनावी कार्यों की वजह से मामलों के निराकरण में विलंब हुआ हो। अब तेजी से सभी मामलों को निराकृत किया जाएगा।
जानिए, कुछ प्रमुख न्यायालयों में लंबित मामले
अनुविभागीय अधिकारी रायपुर – 1973
कलेक्टर रायपुर – 653
अनुविभागीय अधिकारी अभनपुर – 593
तहसीलदार रायपुर – 583
अतिरिक्त तहसीलदार रायपुर – 479
नायब तहसीलदार रायपुर 05 – 278
नायब तहसीलदार अभनपुर 04 – 262
अनुविभागीय अधिकारी आरंग – 220
अनुविभागीय अधिकारी तिल्दा – 218
नायब तहसीलदार अभनपुर 03 – 214
अतिरिक्त तहसीलदार धरसींवा 04 – 102
अतिरिक्त तहसीलदार रायपुर 02 – 102