Raipur News: स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की कमी, विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही प्रभावित"/>

Raipur News: स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की कमी, विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

HIGHLIGHTS

  1. लैब अटेंडर के भरोसे चल रही हैं भौतिकी विषय की कक्षाएं।
  2. अतिरिक्त विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों में बढ़ा दबाव।
  3. कई स्कूलों में तो जुलाई-अगस्त से ही शिक्षक नहीं हैं।
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश में लगातार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल (सेजेस) खुल रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। पिछले चार वर्षों से स्वामी आत्मानंद स्कूलों में पढ़ाई हो रही है। हर वर्ष विषय के शिक्षक बदल रहे हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देने के मकसद से शुरू किए गए हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण निजी स्कूलों को टक्कर दे पाना बहुत मुश्किल लग रहा है।
 
स्वामी आत्मानंद स्कूलों का संचालन समिति द्वारा किया जा रहा है। समिति का अध्यक्ष जिला कलेक्टर होता है। जिले में संचालित स्कूलों में शिक्षकों की आवश्यकता के अनुसार संविदा भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाता है। रायपुर जिल में 27 स्कूलों में 71 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू है। इनमें से 22 पुराने स्कूल हैं, जहां पर शिक्षक नहीं हैं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित होती है। बहुत सारे स्कूलों में संविदा शिक्षकों की नियुक्ति होती है। दो -चार महीने पढ़ाते हैं, बेहतर विकल्प मिलते ही शिक्षक बीच सत्र में त्यागपत्र देकर चले जाते हैं। इसके कारण पढ़ाई में बहुत असर पड़ता है।
 
संविदा भर्ती के लिए जब भी आवेदन मंगवाए जाते हैं। संविदा में पढ़ा रहे शिक्षक भी आवेदन कर देते हैं। नजदीकी स्कूल में नियुक्ति मिलने के कारण दूर के स्कूल से त्यागपत्र दे देते हैं। इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी हमेशा बनी रहेगी। शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिए स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती करनी होगी।

रायपुर जिले में भी शिक्षकों की कमी

रायपुर जिले में संचालित कई स्वामी आत्मानंद स्कूलों में भौतिकी विषय के व्याख्याता नहीं हैं। लैब अटेंडर के भरोसे भौतिकी विषय की कक्षाएं चल रही हैं, जहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करके विषय की पढ़ाई करवाई जा रही है। ज्यादा दबाव होने के कारण शिक्षक विषय पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अरुंधती देवी शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यायलय आरंग में भौतिकी, प्रियदर्शिनी शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय नेवरा तिल्दा में भी भौतिकी विषय के शिक्षक नहीं हैं। इन दोनों स्कूलों में भौतिकी की पढ़ाई लैब अटेंडर के भरोसे चल रही है। इसके अलावा काशीराम शर्मा शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय भनपुरी, स्वामी आत्मानंद विद्यालय खरोरा में वाणिज्यिक विषय के शिक्षक नहीं हैं। विषय विशेषज्ञ न होने के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में है। प्राचार्यों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। कई स्कूलों में तो जुलाई-अगस्त से ही शिक्षक नहीं हैं। वहां पर तो बच्चों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। बिना शिक्षकों के निजी स्कूलों को टक्कर कैसे दे पाएंगे।

दो विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों पर दबाव ज्यादा

स्कूलों में जिस विषय के शिक्षक नहीं है, वह विषय दूसरे शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अपने विषय के साथ-साथ अतिरिक्त विषय पढ़ाने के कारण शिक्षकों में दबाव ज्यादा है, जिसके कारण भी पढ़ाई की गुणवत्ता में प्रभाव पड़ रहा है। कई स्कूलों में तो अलग-अलग दिन अलग-अलग शिक्षक आकर विषय को पढ़ाते हैं। प्रत्येक शिक्षक के पढ़ाने का तरीका अलग-अलग है, जिसके कारण भी छात्रों को समझ में नहीं आता है।

विभाग को कई बार लिख चुके हैं पत्र

स्कूलों में विषय के शिक्षक नहीं होने के बारे पर बातचीत करने पर प्राचार्यों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं। विभाग की तरफ से हर बार आश्वासन मिलता है कि जल्द ही शिक्षक देंगे। कई महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षक नहीं होने के कारण विषय की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। नवमी और ग्यारहवीं कक्षाओं में ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन दसवीं और बारहवीं में बहुत दिक्कत है। इन छात्रों को बोर्ड की परीक्षाएं देनी है। नियमित शिक्षक नहीं होने के कारण विषय की तैयारी करना छात्रों के सामने एक बड़ी चुनौती है। मार्च के प्रथम सप्ताह से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।

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