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CG Chunav 2023: छत्‍तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान कल, लेकिन चुनावी शोर से दूर, किसान खेती में व्यस्त

रायपुर। CG Chunav 2023: दूसरे चरण का मतदान कल शुक्रवार 17 नवंबर को है। बुधवार शाम से प्रचार-प्रसार का शोरगुल भी थम चुका है। वहीं राजधानी रायपुर से लगे आसपास के गांवों की चुनावी चौपाल भी पूरी तरह से शांत है। दरअसल, इन दिनों ज्यादातर किसान धान की कटाई-मिंजाई में व्यस्त हैं। ऐसे में चुनावी माहौल क्या चल रहा है, इससे कुछ किसान अनजान हैं। रायपुर समेत प्रदेशभर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दूसरे चरण के मतदान की प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है।

नईदुनिया टीम ने शहर से लगे बोरियाकला, बोरियाखुर्द, सेजबहार, डूंडा, दतरेंगा, मुजगहन, कांदूल, जुलूम, टेकारी, माना कैंप बस्ती आदि गांवों में जाकर चुनावी माहौल का जायजा लिया तो पाया कि कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशियों की ओर से इलाके में धुआंधार प्रचार-प्रसार तो किया जा रहा है, लेकिन प्रचार से आम ग्रामीण व किसान दूर है, क्योंकि ज्यादातर महिलाएं, पुरुष और किसान अपने घरों से निकलकर खेतों में सुबह से ही धान की कटाई, मिंजाई में चले जा रहे हैं और शाम होने पर खेतों से घर आने के बाद चुनाव की बातों पर चर्चा करने उत्सुक नहीं दिख रहे हैं। लिहाजा गांवों में चुनावी चौपाल का नहीं बैठना राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
 

नईदुनिया टीम ने रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के गांवों के भ्रमण के दौरान कुछ आम ग्रामीणों, किसानों से बातचीत कर चुनाव को लेकर उनकी राय जानने की कोशिश की। अधिकतर किसानों का कहना था कि इस बार कांग्रेस की तरह भाजपा ने भी किसानों को लुभाने की कोशिश की है। इसका असर तो जरूर पड़ेगा। दोनों प्रमुख दलों में कांटे की टक्कर होना तय है, लेकिन कौन सा पार्टी जीतेगा यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है।

घर-घर संपर्क का दौर शुरू

एक तरफ जहां चुनावी प्रचार-प्रसार, रैलियों आदि का दौर खत्म होते ही शोरगुल पूरी तरह से थम चुका है। वहीं उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने अब घर-घर संपर्क करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं। वहीं किसान पूरी तरह से शांत नजर आ रहे हैं। रायपुर शहर के चार विधानसभा क्षेत्र समेत अभनपुर, आरंग और धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार और उनके समर्थक देर रात तक गलियों में घूमते नजर आए।

घोषणा पत्र के वादे दोहरा रहे उम्मीदवार

चुनाव प्रचार समाप्त होते ही उम्मीदवारों के साथ ही राजनीतिक पार्टियां अपनी जीत पक्की करने पूरी ताकत लगा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक वे मतदाताओं को प्रभावित कर सकें। धान की कटाई और मिसाई में व्यस्त किसानों को प्रभावित करने फिर से कर्जमाफी, धान का बोनस, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के वादे कर रहे हैं। इसके अलावा महिलाओं को रिझाने के लिए नई-नई योजना लाने के दावे भी कर रहे हैं।

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