Elections 2023: आयोग के सी-विजिल एप में मिल रही रोेचक शिकायतें, कोई बाबू को हटवाना चाह रहा तो कोई पटवारी को, वीडियो, फोटो व लोकेशन भी भेज रहे
HIGHLIGHTS
- आचार संहिता के उल्लंघन के साथ ही कई विभागीय शिकायतें भी एप में मिलने लगी है।
- एप में अब तक 600 से अधिक शिकायतें मिल चुकी है, जिसमें कुल 329 का निराकरण किया जा चुका है।
- शिकायतों के आधार पर हटाए जा चुके हैं आइएएस, आइपीएस अधिकारी
अजय रघुवंशी, रायपुर (राज्य ब्यूरो)। निर्वाचन कार्यालय का सी-विजिल एप इन दिनों चुनाव अधिकारियों के लिए तीसरी आंख का काम कर रहा है। इस एप के माध्यम से दिलचस्प शिकायतें भी मिल रही हैं। कहीं कोई पटवारी, बाबू को हटाने की मांग कर रहा है तो कोई अधिकारियों को भ्रष्ट बताकर इनके खिलाफ कार्रवाई करवाना चाह रहा है।
आचार संहिता लगने के बाद चुनावी तैयारियों के साथ ही कानून व प्रशासनिक व्यवस्था निर्वाचन कार्यालय के हाथों में हैं। निर्वाचन कार्यालय की शक्तियों से आम नागरिक व अधिकारी भी परिचित हैं। यही कारण है कि अब आचार संहिता के उल्लंघन के साथ ही कई विभागीय शिकायतें भी एप में मिलने लगी है। इस एप के माध्यम से आम नागरिक शिकायतों के रूप में वीडियो, वाइस रिकार्डिंग, फोटो व गूगल लोकेशन भेज रहे हैं।
इसे आचार संहिता के नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के लिए बनाया गया है, लेकिन आम नागरिकों ने यहां शिकायतों के लंबी-चौड़ी सूची ही खड़ी कर दी है। इसमें वे अपनी दुख-तकलीफ भी बता रहे हैं। इसे देखकर निर्वाचन अधिकारी भी हैरान हैं। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, इस एप में अब तक 600 से अधिक शिकायतें मिल चुकी है, जिसमें कुल 329 का निराकरण किया जा चुका है।
शिकायतों के बाद बड़ी कार्रवाई
जो शिकायतें मिल रही है, वह आयोग के लिए काफी उपयोगी भी सिद्ध हो रही हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर निर्वाचन आयोग ने कई बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें शराब, ड्रग्स, नकदी परिवहन के मामलों को पकड़ना आदि शामिल है। आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर विभागों में गोपनीय तरीके से हुए तबादले के मामले को लेकर भी एप में जानकारी दी गई है। कई ऐसे मामले हैं, जिस पर आयोग ने संज्ञान लिया और आला अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
इस तरह की शिकायतें
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- चुनाव में प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा प्रलोभन व दबाव देने का मामला।
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- भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की मांग।
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- निगम, तहसील, राजस्व के जन उपयोगी कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें, पटवारियों व बाबू द्वारा घूस मांगे जाने की मामला।
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- आचार संहिता के बाद शिक्षा व वन विभाग में तबादला व नई पोस्टिंग।
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- इंटरनेट मीडिया पर मीम्स व रील्स के जरिए जनप्रतिनिधियों की छवि खराब करने का मामला।
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- अवैध परिवहन सहित अन्य गोपनीय जानकारी।
शिकायतों के आधार पर हटाए जा चुके हैं आइएएस, आइपीएस अधिकारी
आचार संहिता लगने के बाद प्राप्त शिकायतों के आधार पर निर्वाचन कार्यालय ने इसी महीने दो आइएएस, तीन आइपीएस समेत कुल आठ अधिकारियों का तबादला किया है। इस मामले पर कार्यालय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि गंभीर शिकायतों व जांच के बाद इन अधिकारियों को हटाने जरूरी था। इन्हें चुनाव कार्य से अलग रखा गया है।
सी-विजिल एप के बारे में
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- आचार संहिता के उल्लंघन पर 100 मिनट के भीतर शिकायतों का निराकरण।
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- एप में सभी लोगों के लिए लाग-इन आइडी व पासवर्ड बनाने की सुविधा।
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- नागरिकों को उनके व्यक्तिगत विवरण पहचान का राजफाश किए बिना गुमनाम रूप से शिकायत करने की अनुमति।
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- जियोटैगिंग: सी-विजिल में नागरिक अपने कैमरे को चालू करते हैं, तो ये एप स्वचालित रूप से एक जियो-टैगिंग सुविधा प्रदान करता है।
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- निर्वाचन टीम के फील्ड यूनिट को 15 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंचने का लक्ष्य। साथ ही रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश।
- शिकायत की लाइव ट्रैकिंग स्थिति आम आदमी व अन्य अधिकारियों को देखने को सुविधा।