Chhattisgarh Election 2023: टीएस सिंहदेव के खिलाफ भाजपा से उतरने को तैयार है चिंतामणि महाराज, बृजमोहन से विधायक ने की मुलाकात
HIGHLIGHTS
- भाजपा नेताओं ने एकांत में की 20 मिनट तक चर्चा, लोकसभा चुनाव में टिकट देने का दिया है आश्वासन
- चिंतामणि महाराज संत गहिरा गुरु के बेटे हैं। संत गहिरा गुरु के अनुयायी उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं।
- चिंतामणि महाराज ने कहा कि आज हर क्षण लोगों का विचार बदलता है।
अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।Chhattisgarh Election 2023: कांग्रेस से टिकट कटने के बाद बलरामपुर के सामरी के विधायक चिंतामणि महाराज ने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने अंबिकापुर सीट से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (टीएस बाबा) के विरुद्ध चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि भाजपा यदि उन्हें अंबिकापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करती है तो वे भाजपा के साथ हो जाएंगे।
इधर, भाजपा ने छह महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय सीट से टिकट देने के आश्वासन के साथ भाजपा में प्रवेश का प्रस्ताव उन्हें दिया है। चिंतामणि महाराज दो बार से कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। सामरी सीट से कांग्रेस ने नए चेहरे विजय पैकरा पर पार्टी ने दांव लगाया है।
चिंतामणि महाराज से की मुलाकात
रविवार को पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल हेलीकाप्टर से कुसमी पहुंचे। उनके साथ भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय, भाजपा के संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव सहित अन्य स्थानीय नेता भी चिंतामणि महाराज के आश्रम श्रीकोट पहुंचे। भाजपा के नेता यहां मां काली की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के साथ ही चिंतामणि महाराज से अलग से मुलाकात की। यह एकांत चर्चा लगभग 20 मिनट तक चली।
चिंतामणि महाराज ने दी प्रस्ताव की जानकारी
भाजपा नेताओं के श्रीकोट आश्रम पहुंचने के कारणों को संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने खुद सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से प्रवेश का प्रस्ताव दिया गया है। उन्हें आश्वस्त किया गया है कि यदि वे पार्टी में प्रवेश कर लेते हैं तो छह माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय सीट से प्रत्याशी बना दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली आलाकमान भी राजी हैं। चिंतामणि महाराज ने कहा कि आज हर क्षण लोगों का विचार बदलता है।
छह माह बाद क्या परिस्थिति बनेगी, इसे कोई नहीं जानता। इसलिए मैंने अपनी ओर से सुझाव रखा है कि भाजपा ने अंबिकापुर विधानसभा सीट से अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यदि वहां से प्रत्याशी घोषित कर दे तो भाजपा में प्रवेश कर लेंगे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की ओर से अंबिकापुर सीट से जो दावेदारी कर रहे हैं, उन्हें छह माह बाद उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित कर दें और मुझे लोकसभा भेज दें, इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। बता दें कि चिंतामणि महाराज ने जिस अंबिकापुर विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से टिकट की मांग की है, उस सीट से कांग्रेस की ओर से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पिछले तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। चौथी बार भी कांग्रेस ने उन्हें यहां से प्रत्याशी घोषित किया है।
चिंतामणि के साथ अन्याय हुआ : बृजमोहन
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि चिंतामणि महाराज के साथ अन्याय हुआ है। वे दुखी हैं। इसी दुख में सहभागी बनने के लिए वे गए थे। यह पूछने पर कि क्या भाजपा चिंतामणि महाराज के साथ न्याय करेगी, बृजमोहन ने खुद सवाल दाग दिया कि क्या कांग्रेस पार्टी उनके साथ न्याय करेगी। चिंतामणि महाराज भाजपा के विचारों से पहले भी सहमत थे और आगे भी सहमत रहेंगे। भाजपा प्रवेश को लेकर बृजमोहन ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
सिंहदेव बोले – कांग्रेस में ही रहें चिंतामणि महाराज
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि भाजपा में शामिल होना चिंतामणि महाराज की इच्छा है। हम लोग तो चाहेंगे कि वे कांग्रेस की रीति-नीति से विचारों और मन से जुड़े हुए हैं, इसलिए कांग्रेस में ही रहें। कांग्रेस ने उनके लिए जो बना उतना किया। आज स्थिति अगर दूसरी है तो उन्हें परिवार इतनी जल्दी नहीं छोड़ना चाहिए।
चिंतामणि महाराज का राजनीतिक जीवन
बता दें कि चिंतामणि महाराज संत गहिरा गुरु के बेटे हैं। संत गहिरा गुरु के अनुयायी उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं। इनका बड़ा वोट बैंक है। संत समाज की आस्था आज भी इस परिवार पर है। चिंतामणि महाराज पहले भाजपा से ही जुड़े हुए थे। उन्हें छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। सामरी सीट से भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर एक बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। इसके बाद भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। पहली बार कांग्रेस ने उन्हें लुंड्रा विधानसभा से टिकट दिया था। इस चुनाव में जीत के बाद दूसरी बार 2018 में उन्हें सामरी से प्रत्याशी घोषित किया गया था। सामरी सीट से उन्होंने रिकार्ड जीत दर्ज की थी।