CG News: जहां पग-पग बम-बारूद का खतरा, वहां 16 साल से ANM उमा निभा रहीं लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी

पोटाली से पैदल आठ किलोमीटर नक्सलियों द्वारा काटी गई सड़क के गड्डों को पार कर उमा दुर्गा निभा फर्ज रहीं है। जहां पग,पग बम बारूद का खतरा, वहां उमा सोलह साल से सेवाएं दे रही हैं।

HIGHLIGHTS

  1. जहां पग,पग बम बारूद का खतरा,वहां सोलह साल से दे रही हैं एएनम सेवा
  2. साढ़े चार सौ परिवार के गर्भवती माताओं और बच्चो की जिम्मेदारी निभा रहीं है उमा
  3. खतरों भरे रास्ते से पैदल जाती है स्वास्थ्य सुविधा देने एएनम

दंतेवाड़ा, जिले का सबसे संवेदनशील क्षेत्र बुरगुम तक पहुंचना आम आदमी के लिए अभी भी मुश्किल भरा है। अरनपुर से पोटाली तक कच्ची सड़क है, यहां से आगे आठ किलोमीटर सड़क को नक्सलियों ने दर्जनों जगह से काट दिया है, रास्ते के पुल ,पुलियो को भी तोड़ दिया है जिसकी वजह से इस सड़क पर सरकारी कर्मचारी हों या फिर आम आदमी का पहुंच पाना मुश्किल भरा है।

2007 से बुरगुम सड़क बंद है ,क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हो पा रहें है। गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, बुरगुम में सरकारी भवनों को भी नक्सलियों ने तोड़ रखा है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य कर्मियों को सारी दवा व मेडिकल सबंधी समान लाद कर नर्स उमा दुर्गा पैदल आठ किलोमीटर का सफर तय कर जाती हैं

इस क्षेत्र में चाहे कोरोना हो या कोई दूसरी बीमारी का प्रकोप उमा दुर्गा ही बुरगुम गांव में सेवा देने पहुंचती हैं। इस समय बच्चो को मासिक टिका लगाने के लिए नर्स पोटाली से पैदल बुरगुम पहुंच गांव में घर,घर जा कर टीकाकरण कर रहीं हैं, गर्भवती माताओं का ख्याल भी रख रहीं हैं।

 

कब पैर आईईडी में पैर पड़ जाए कोई भरोसा नहीं

पोटाली से बुरगुम जाने वाली सड़क पर कहां नक्सलियों ने जवानो को नुकशान पहुंचाने आईईडी लगाई है ये किसी को पता नहीं है, पर बुरगुम क्षेत्र के लिए पदस्थ एएनम उमा दुर्गा बम बारूद के खतरों के बीच नक्सलियों द्वारा तोड़ी गई पुलिया,काटी गई सड़क को पार कर 16 सालों से बुरगुम गांव में पहुंच गर्भवती माताओं और बच्चो को टीकाकरण करने सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जाने वाली दूसरी योजनाओं को दहशत भरे रास्ते से पैदल सफर कर बुरगुम तक पहुंचाती हैं।

उमा दुर्गा ने बताया कि सोलह साल से पोटाली और बुरगुम दोनों गांवो में कार्य कर रहीं है, उमा ने बताया डर तो लगता है पर आदत पड़ गई है।

बुरगुम जाने के दो रास्ते, दोनों खतरे भरे

बुरगुम ग्राम पंचायत तक जाने के दो रास्ते हैं,दोनों पर नक्सली साया साफ नजर आता है, एक रास्ता है समेली से बर्रेम होकर इस रास्ते मे नक्सली पुलिया नहीं बनने दे रहें हैं, सड़क बनने का काम शुरू हुआ था तभी सरपंच पति की हत्या कर नक्सली दहशत फैलाने में कामयाब हो गए, दूसरा रास्ता अरनपुर, पोटाली होकर है, इस रास्ते पर नक्सली पूजारीपाल के आगे सड़क और पुलियो को तोड़ मार्ग को सालों से बंद किए हुए हैं।

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