CG Election 2023: पीएम मोदी की प्राथमिकता में छत्‍तीसगढ़, चार दिन में 36 विधानसभा और छह लोकसभा साध गए

HIGHLIGHTS

  1. तीन महीने के भीतर छत्‍तीसगढ़ में 40 हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की शुरुआत
  2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा का माहौल बनाकर विधानसभा के चुनावी रण में भरी हुंकार
  3. बिलासपुर में हुई सभा में पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव का भी किया था जिक्र

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh Election 2023: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता में छत्तीसगढ़ है। यही कारण है कि वह तीन महीने के भीतर प्रदेश में 40 हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की शुरुआत करने के साथ ही लोकसभा का माहौल बनाकर विधानसभा के चुनावी रण में हुंकार भी भरी। 30 सितंबर को बिलासपुर और तीन अक्टूबर को बस्तर के जगदलपुर में सभा लेकर मोदी ने 36 विधानसभा और छह लोकसभा को साधने की कोशिश की।

पार्टी सूत्रों की मानें तो विधानसभा की चुनावी सभा में अभी से लोकसभा के दृष्टिकोण से भी पार्टी अपना चुनाव प्रचार करने की रणनीति बनाई है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा स्थानीय सरकार के साथ-साथ पूर्व की यूपीए सरकार और वर्तमान में भाजपा के खिलाफ गठित विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस) के खिलाफ भी हमलावर दिखे हैं।

बिलासपुर संभाग में भाजपा का जनाधार है कम

पिछले दिनों बिलासपुर में हुई सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव का भी जिक्र किया था। इसके पहले अमित शाह ने भी 2024 में मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की अपील की थी। विधानसभा चुनाव-2023 व लोकसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी लगातार सभाएं कर रहे हैं।

30 सितंबर को मोदी ने प्रदेश के सबसे बड़े बिलासपुर संभाग के आठ जिलों के अंतर्गत 24 विधानसभा को साधने की कोशिश की। वर्तमान में यहां 13 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। सात सीटें भाजपा के पास, दो छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) और दो सीटें बहुजन समाज पार्टी के पास हैं। यानी भाजपा का जनाधार यहां कम है।

इसी तरह लोकसभा सीट के हिसाब से देखें तो बिलासपुर संभाग में छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से चार सीटें हैं। इनमें से तीन पर भाजपा का कब्जा और एक सीट कांग्रेस के खाते में है। वहीं बस्तर संभाग में दो लोकसभा सीटें हैं। इनमें से कांग्रेस और भाजपा का एक-एक सीट पर कब्जा है।

बहुत कठिन है डगर बस्तर की

राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो पीएम मोदी का बस्तर में दौरा उनके चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। पिछले लोकसभा चुनाव में बस्तर में कांग्रेस ने सेंध मारी थी। बस्तर की सीट पर भाजपा लगातार छह बार चुनाव जीतती रही है मगर लोकसभा चुनाव 2019 में यहां कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज सांसद बने। बैज अभी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

बस्तर संभाग की कांकेर लोकसभा सीट पर भाजपा सांसद मोहन मंडावी हैं। बाकी बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाली सभी 12 विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं। यही वजह है कि यहां मोदी, शाह और नड्डा लगातार ताकत झोंक रहे हैं। भाजपा के लिए बस्तर चुनौतीपूर्ण है।

रायपुर का दौरा भी अहम

प्रधानमंत्री मोदी ने सात जुलाई को रायपुर में सभा ली थी। रायपुर संभाग की 20 विधानसभा सीटों में 14 पर कांग्रेस, एक पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और पांच सीट पर भाजपा के विधायक हैं।

भाजपा के कम जनाधार वाले क्षेत्रों में भाजपा के केंद्रीय नेताओं का जोर

40,950 करोड़ के विकास कार्यों की शुरुआत प्रदेश में तीन महीने के भीतर मोदी ने 40,950 करोड़ के विकास कार्यों की छत्तीसगढ़ में शुरुआत की। बस्तर में प्रधानमंत्री ने 27,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।

इसके पहले 14 सितंबर को मोदी ने प्रदेश के रायगढ़ में 6,350 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। साथ ही नौ जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लाक की आधारशिला भी रखी थी। इसके पहले रायपुर सात जुलाई को रायपुर में 7,600 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण व शुरुआत की थी।

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