किचन का ये मसाला दूर करेगा पितरों की नाराजगी, इन 5 उपायों से जीवन में आएगी खुशहाली

Pitru Paksha 2023: ज्योतिष शास्त्र में पितरों के सम्मान के लिए काले तिल के प्रयोग के बारे में बताया गया है। काले तिल और जौ के साथ तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है।

HIGHLIGHTS

  1. पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है।
  2. पितृ पक्ष की अवधि में तर्पण, पिंडदान और तर्पण किया जाता है।

Pitru Paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों को याद किया जाता है। उनकी शांति के लिए उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि पितर हमारे आस-पास किसी न किसी रूप में मौजूद होते हैं। अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए लोग उपायों का सहारा लेते हैं। ज्योतिष शास्त्र में पितरों के सम्मान के लिए काले तिल के प्रयोग के बारे में बताया गया है। काले तिल और जौ के साथ तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है। घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

पितरों की शांति के लिए पूजा करना है जरूरी

पितरों की पूजा करना वंशजों के लिए जरूरी है। अगर पितरों की पूजा करने का साथ समृद्धि की प्रार्थना की जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूर्वजों के प्रसन्न होने से व्यक्ति को उनका आशीष मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में पैतृक क्षेत्र का संबंध शनि से माना गया है। शनि ग्रह कर्म, जीवन, मृत्यु और पैतृक का प्रतिनिधित्व करता है।

पितृ दोष को दूर करने के लिए काले तिल के 5 सरल उपाय

1. काला रंग शनि देव का प्रतीक होता है। पितरों का संबंध भी शनि से है। इसलिए काले तिल पितरों को खुश करने के लिए प्रमुख सामग्री है। अगर आप पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन काले तिल को पानी में डालकर तर्पण करते हैं तो पितृ दोष से राहत मिलती है।

2. शनिवार के दिन शनि का प्रभाव अधिक होता है। यदि किसी जातक के ऊपर शनि की साढ़े साती चल रही है, तो शनिवार के दिन सूर्य को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य दें।

3. शनिवार के दिन काले तिल का दान करें। इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। कष्टों से मुक्ति का ये सबसे सरल उपाय है।

4. पितृ पूजा या अनुष्ठान के दौरान काले तिल चढ़ाएं। उनकी फोटो के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। साथ ही प्रार्थना कर आभार व्यक्त करें।

5. पितृ पक्ष में कौए को काले तिल मिलाकर भोजन कराएं। साथ ही पानी और दूध मिलाकर शनि देव का अभिषेक करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button