Chandrayaan-3: चंद्रमा पर इस तरह जागेंगे प्रज्ञान और विक्रम, इसरो विज्ञानी नीलेश देसाई ने दी बड़ी जानकारी
Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रात होने की वजह से विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड चले गए थे।
HIGHLIGHTS
- इसरो प्रज्ञान और विक्रम से संपर्क करने की कर रहा कोशिश।
- दोनों के चार्ज होने के बाद सिग्नल आना शुरू हो जाएंगे।
- अभी तक नहीं मिला है कोई भी नया सिग्नल।
Chandrayaan-3: भरूच। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर वापस जगाने की कोशिश कर रहा है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रात होने की वजह से विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड चले गए थे। इस दौरान अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं। इनको जगाना एक स्वचालित प्रक्रिया है और इसे धरती से दूर नहीं किया जा सकता।
क्या लैंडर और रोवर से कोई सिग्नल मिले?
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक देसाई ने अनुसार लैंडर और सौर ऊर्जा से चलने वाले रोवर के चार्ज होते ही सिग्नल आना शुरू हो जाएंगे। लेकिन अभी तक चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर से कोई सिग्नल नहीं आया है। अभी इन दोंनों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
अभी तक नहीं मिला है कोई सिग्नल
इसरो वैज्ञानिक ने कहा कि इसरो ने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि लैंडर और रोवर के साथ संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। दोनों जल्द ही जागेंगे और स्वचालित प्रक्रिया के जरिए सिग्नल भेजने लगेंगे। लेकिन इसरो को अब तक दोनों की से कोई सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही इनके द्वारा सिग्नल मिलता है सभी को सूचित किया जाएगा।
दोनों जागे तो चंद्रमा की सतह पर प्रयोग जारी रहेंगे
लैंडर और रोवर के जागने की 50-50 प्रतिशत संभावना को ध्यान में रखते हुए इसरो वैज्ञानिक ने कहा कि अगर इलेक्ट्रानिक्स वहां के ठंडे तापमान में बच जाते हैं, तो सिग्नल प्राप्त हो जाएंगे। अन्यथा, मिशन पहले ही अपना काम कर चुका है। उन्होंने आगे कहा कि अगर विक्रम और प्रज्ञान जाग गए तो चांद की सतह पर प्रयोग जारी रहेंगे।