Vastu Shastra: घर की दक्षिण दिशा में इन चीजों को रखने की भूल न करें, देवी लक्ष्मी होगी नाराज
घर का किचन भी दक्षिण दिशा में होना अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा में यदि किचन होता है तो घर की महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर होता है।
HIGHLIGHTS
- दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा मानी गई है।
- दक्षिण दिशा को लेकर कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
- पूजाघर यदि दक्षिण दिशा में बनाया जाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।
Vastu Shastra। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सभी दिशाओं को महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा मानी गई है। दक्षिण दिशा को यम की दिशा भी माना जाता है, यही कारण है कि दक्षिण दिशा को लेकर कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, दक्षिण दिशा संबंधित नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो जीवन में कुछ परेशानियां भी आ सकती है। वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे के मुताबिक, घर में इन चीजों को कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
दक्षिण दिशा में न रखें पूजा स्थल
हिन्दू धर्म में पूजा घर बनाने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व की दिशा को सबसे शुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा में पूजा घर बनाना शुभ नहीं माना जाता है। पूजाघर यदि दक्षिण दिशा में बनाया जाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। देवताओं की कृपा नहीं आती है। परिवार में अशांति छा जाती है।
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तुलसी का वृक्ष
घर की दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा नहीं रखना चाहिए। हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय है। देवी देवताओं को तुलसी के पौधे को हमेशा ईशान कोण में रखना चाहिए। तुलसी के पौधे को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व में रखना शुभ होता है। दक्षिण में तुलसी का पौधा रखना अशुभ माना जाता है।
जूते और चप्पल
दक्षिण की दिशा पितरों की दिशा है, इसलिए इस दिशा में जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए। पितृ दोष के कारण जीवन में अशांति आती है और देवी लक्ष्मी भी नाराज हो जाती है। जूते चप्पल का स्टैंड हमेशा पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
घर का किचन
घर का किचन भी दक्षिण दिशा में होना अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा में यदि किचन होता है तो घर की महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर होता है। स्वास्थ्य पर पैसे भी काफी खर्च होते हैं और आर्थिक जोखिम भी उठाने पड़ते हैं।
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