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छत्‍तीसगढ़ में मच्छर पर रोकथाम के लिए करोड़ों खर्च फिर भी तेजी से बढ़ रहे मरीज, डेंगू से चार की हो चुकी है मौत

रायपुर। Dengue in Chhattisgarh: राजधानी समेत छत्‍तीसगढ़ में मच्छर और मलेरिया पर रोकथाम के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी मच्छरों के डंक से निजात नहीं मिल पा रही है। राजधानी में अब तक डेंगू संक्रमित चार लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग इससे इनकार कर रहा है।

शहर के हर वार्ड से डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी रोजाना डेंगू के मामले आ रहे हैं। महापौर एजाज ढेबर और निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी के लगातार दबाव के बावजूद वार्डों में न तो बेहतर ढंग से एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है, न ही फागिंग मशीनें ही चल रही हैं।

वार्डों को मच्छरमुक्त बनाने हो रहा दवाओं का छिड़काव

रायपुर नगर निगम की ओर से प्रत्येक वर्ष मच्छरों के उन्मूलन पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। 70 वार्डों को मच्छरमुक्त बनाने के लिए सभी दस जोनों में मशीनों के माध्यम से फागिंग की जाती है। दवाओं का छिड़काव किया जाता है। लेकिन हालात में संतोषजनक सुधार नहीं हो पा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेशभर में वर्ष-2021 में डेंगू के 1,086 मरीज मिले थे, जो वर्ष-2022 में बढ़कर 2,679 हो गए। वर्ष-2022 में डेंगू से दस लोगों को जान भी गंवानी पड़ी थी। इस वर्ष भी राजधानी समेत प्रदेशभर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। आठ माह में ही डेंगू के 248 से अधिक मरीज मिले चुके हैं।

आंबेडकर अस्पताल में बढ़ रहे मरीज

राजधानी के आंबेडकर अस्पताल में डेंगू पीड़ितों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। विगत दो माह में डेंगू के 117 मरीज यहां पहुंचे हैं। विगत एक सप्ताह के भीतर ही करीब 100 पीड़ित इलाज कराने के लिए पहुंच चुके हैं। वर्तमान में मेडिसिन विभाग में 37 मरीज भर्ती हैं, जो रविवार को 32 थे। सोमवार को 12 मरीज भर्ती किए गए हैं। डाक्टरों का कहना है कि विगत दस दिनों से रोजाना सात से आठ मरीज आ रहे हैं। जिला अस्पताल में भी डेंगू से पीड़ित दो मासूम समेत पांच लोग भर्ती हैं। राजधानी के निजी अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज भर्ती हैं।

महामारी नियंत्रण संचालक डा. सुभाष मिश्रा ने कहा, डेंगू पीड़ितों की कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग में परेशानी आ रही है, इसलिए अस्पताल संचालकों को मरीज का लैंडमार्क के साथ पूरा पता लिखने के लिए निर्देशित किया गया है। डेंगू मरीजों के लिए अगल से वार्ड बनाया जाना चाहिए। डेंगू से अभी तक एक भी मौत नहीं हुई है।

नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने कहा, शहर के सभी 70 वार्डों में मच्छरजनित रोग डेंगू से बचाव के लिए जनजागरण का एक सप्ताह का विशेष अभियान शुरू किया गया है। पार्षदों के नेतृत्व में मच्छर उन्मूलन के लिए सुबह एंटी लार्वा ट्रीटमेंट, कीटनाशक दवा का छिड़काव और शाम को फागिंग अभियान चलाया जाएगा।

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, नगर निगम की ओर से हर वर्ष मच्छर उन्मूलन अभियान के नाम पर दो करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन इसका असर नहीं दिखता। सभी वार्डों में गंदगी पसरी हुई है। वार्ड में न तो एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाता है, न ही फागिंग की जाती है।

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