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Paddy Politics in CG: कांग्रेस बोली- धान खरीदी में केंद्र का कोई योगदान नहीं, भाजपा ने दिया जवाब

HIGHLIGHTS

  1. छत्‍तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू
  2. कांग्रेस का अरोप, धान खरीदी में केंद्र का कोई भी योगदान नहीं
  3. धान खरीदी पर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने दिया जवाब

रायपुर(राज्य ब्यूरो)। Paddy Politics in CG: छत्‍तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी में केंद्र सरकार का कोई भी योगदान नहीं है। प्रदेश ने 23.42 लाख से अधिक किसान, जिन्होंने अपना 107 लाख टन धान 2,640 रुपये प्रति क्विंटल में बेचा है, वे भाजपा के बहकावे में नहीं आने वाले हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने सहयोग के बजाय छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 2,500 देने में अडंगा ही लगाया था। इसके कारण कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करके 9,000 और 10,000 रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी देना शुरू किया है।

बैज ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा गठित शांता कुमार समिति ने 2015 में कहा था कि केंद्र सरकार मात्र छह प्रतिशत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देती है। 2020 की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि देश के मात्र 12 प्रतिशत किसानों को एमएसपी मिला, जबकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में 90 प्रतिशत किसानों को एमएसपी दिया। वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है। राज्य सरकार मार्कफेड के माध्यम से विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर धान खरीदी करती है। यहां के किसानों को देश ही नहीं, दुनिया में सबसे ज्यादा कीमत भूपेश सरकार दे रही है। भाजपा भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं।

धान खरीदी पर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा का जवाब

भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पीएम को लिखी गई चिट्ठी से प्रमाणित हो गया है कि धान का पैसा केंद्र सरकार देता है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी पर कांग्रेस के लोग झूठ की दुकान खोलकर बैठे हैं, उसकी सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने केंद्रीय पूल के चावल का कोटा इतना बढ़ा दिया है कि छत्तीसगढ़ के किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी संभव है। अभी तक कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री कह रहे थे कि सारी खरीदी वे ही करते हैं।

भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में आंकड़े जारी कर चौधरी ने कहा कि हम मुख्यमंत्री को गंगाजल भेजेंगे। वे मंदिर में खड़े होकर गंगाजल हाथ में लेकर कहें कि यह झूठ है। उन्होंने बताया कि धान खरीदी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग करता है। 2022-23 के लिए इस विभाग का कुल बजट 5,158 करोड़ रुपये है। ऐसे में धान खरीदने के 21 हजार 828 करोड़ रुपये कहां से आएं? यहां तक की तीन अनुपूरक बजट को मिलाकर भी इतनी बड़ी राशि नहीं होती। ऐसे में राज्य सरकार को ये बातें स्पष्ट करनी चाहिए।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल ने शनिवार को प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिख कर 6,000 करोड़ रुपये बकाया राशि देने की मांग की है। इसे लेकर भाजपा राज्य सरकार को घेर रही है। पत्रकार वार्ता में सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव व प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद रहे।

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