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इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला: उद्योगपति ने जमा कराया 28.50 लाख का चेक, CM ने किया ट्वीट कर कहा- लौटेगा सारा पैसा

HighLights

  • भाजपा शासन काल में वर्ष 2006 में इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में करोड़ों का घोटाला हुआ था।
  • 34 कंपनियों के संचालकों को 26 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
  • नर्बदा इंफोटेक कंपनी के संचालक नीरज जैन घोटाले के समय तेल कंपनी चला रहा था।

रायपुर:  इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले मामले में शुक्रवार को नोटिस मिलने पर बैंक के मैनेजर, डायरेक्टर समेत उद्योगपति कोर्ट में पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर नर्बदा इंफोटक कंपनी के संचालक उद्योगपति नीरज जैन ने 28.50 लाख रुपये का चेक जमा किया। बता दें भाजपा शासन काल में वर्ष 2006 में इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में करोड़ों का घोटाला हुआ था। इसके बाद से मामले की जांच चल रही है। वहीं कोर्ट के आदेश पर फिर से पुलिस ने फाइल खोलकर जांच शुरू की है। न्यायाधीश भूपेंद्र बसंत ने 34 कंपनियों के संचालकों को 26 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।

बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला मामले में पिछले दिनों न्यायाधीश भूपेंद्र बसंत के समक्ष छत्तीसगढ़ शासन के उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने उपस्थित होकर बताया था कि घोटाले से जुड़े आरोपित पिछले पांच साल से बीमार होने का बहाना बनाकर कोर्ट की पेशी में नहीं आ रहे हैं। इस पर न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए सभी आरोपितों को 11 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। इसी कड़ी में बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा, डायरेक्टर मीना आदिल के साथ उद्योगपति नीरज जैन कोर्ट में उपस्थित हुए। उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि नर्बदा इंफोटेक कंपनी के संचालक नीरज जैन घोटाले के समय तेल कंपनी चला रहा था। उनकी तरफ से 28.50 लाख रूपये का चेक जमा कराया गया है।

उद्योगपति नीरज से हो रही पूछताछ

उद्योगपति नीरज जैन से कोतवाली पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोप है कि मूलत: जगदलपुर निवासी नीरज जैन ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लिमिट बढ़ाकर शेयर खरीदा था। वर्तमान में वे नागपुर, महाराष्ट्र में रह रहे हैं। उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि रजिस्ट्रार आफ कंपनी को नोटिस जारी कर बैंक घोटाले से जुड़े 29 कंपनियों की सूची भेजकर उनके डायरेक्टर, शेयर धारकों के बारे जानकारी मांगी है। वर्ष 2002 से 2007 के बीच शेयर खरीदे गए थे।कुल 34 कंपनियों में 29 छत्तीसगढ़ और पांच कंपनियां महाराष्ट्र की है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस नए सिरे से घोटाले की जांच कर रही है।

सीएम ने किया ट्वीट

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पोस्ट (ट्वीटर) पर लिखा है कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की जांच का प्रतिफल मिलने लगा है। बैंक के खाते में 28.5 लाख रूपये जमा हुए है। अभी सारा पैसा लौटेगा। घोटाला करने वाले जेल भी जाएंगे।

 

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