रायपुर में आवारा मवेशियों का आतंक, सांड के हमले में घायल बुजुर्ग महिला ने तोड़ा दम

रायपुर Bull Terror in Raipur Video: शहर की सड़कों पर ही नहीं हाईवे, रिंग रोड पर मवेशियों का कब्जा होने की वजह से लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। रायपुर समेत प्रदेश भर की हाइवे, रिंग रोड हर रोज मवेशियों के खून से लाल हो रही हैं। आकंड़े काफी चौंकाने वाले हैं। पिछले छह महीने में सड़क दुर्घटना में पांच सौ से ज्यादा मवेशियों की मौत हुई है। वहीं वाहन सवार भी घायल होकर काल के गाल में समा रहे है।

सांड के हमले में बुजुर्ग महिला की मौत

बुधवार को खमतराई इलाके के संयासीपारा में सांड के हमले में गंभीर रूप से घायल 73 वर्षीय महिला चंद्रमा बहरा की इलाज के दौरान डीकेएस अस्पताल में मौत हो गई। चंद्रमा के सिर व पेट में चोट आई थी। पिछले एक हफ्ते से इलाके में सांड के आतंक से रहवासी परेशान है।

रिंग रोड पर मवेशियों का जमावड़ा, हो रहे हादसे

सड़कों पर बैठने वाले बेसहारा मवेशियों के कारण हो रहे सड़क हादसे को लेकर नईदुनिया लगातार अभियान चलाकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करता आ रहा है,लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। हादसों की तरफ न तो निगम प्रशासन का ध्यान है और न ही प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

बारिश के दौरान जानवरों को मच्छर अधिक काटते हैं। इनसे बचने के लिए जानवर सड़कों पर बैठ जाते हैं जब पास से वाहन गुजरता है तो गुजरने वाले वाहन की हवा से मच्छर उड़ जाते हैं इस कारण बड़ी संख्या में बेसहारा मवेशी सड़कों पर बैठ जाते है।

छह महीने में पांच सौ मवेशियों सहित कई वाहन चालकों की हो चुकी है मौत

राजधानी रायपुर समेत महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार, दुर्ग, बेमेतरा, धमतरी, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर आदि जिलों में पिछले छह महीने के भीतर हाइवे व रिंग रोड पर पांच सौ से अधिक मवेशियों की मौत हुई है। इन दुर्घटनाओं को अंजाम देने वाले की कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि ज्यादातर घटनाएं रात में सड़क पर दौड़ने वाले भारी मालवाहक वाहनों से हुई है।

धरसींवा रोड पर ज्यादातर हादसे

रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर धरसींवा के आसपास ज्यादातर हादसे हो रहे हैं।धरसींवा रोड पर कुछ साल पहले कार पलटने से आठ गायों की मौत हुई है।कार का ड्राइवर नशे में था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ था।बिलासपुर में मवेशियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने वहां की ट्रैफिक पुलिस ने सड़कों पर बैठने वाले मवेशियों की सींगों में रेडियम लगाना शुरू किया है, ताकि रात में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।इसका असर भी हुआ है।इसी तरह बालोद,कबीरधाम जिले में भी आए दिन एेसे हादसे हो रहे है।

हाईकोर्ट तक ले चुका है संज्ञान

मवेशियों से लोग इतने परेशान हुए हैं कि हाईकोर्ट में कई याचिका भी दायर की जा चुकी हैं।सुनवाई के दौरान सरकार कोर्ट में जवाब देते हुए कह चुकी है कि बेसहारा मवेशियों के संबंध में कोर्ट जो भी आदेश दिए गए हैं, उनका पालन किया जा चुका है। अब कहीं भी बेसहारा मवेशी नहीं है।

सरकार के इस दावों की हकीकत जानने नईदुनिया ने सेजबहार रोड, रिंग रोड नंबर एक और रायपुर-बिलासपुर मार्ग की पड़ताल की तो पाया कि बाजार हो या हाईवे, पुराने मोहल्ले हों या कालोनी क्षेत्र,एक भी सड़क ऐसी नहीं थी, जहां मवेशी लोगों के लिए परेशानी की वजह बनकर नहीं बैठे हैं। कहीं चार तो कहीं दो तो कहीं आठ-दस मवेशियों का जमावड़ा लगा मिल जायेगा।इसका कारण यह है कि नगर निगम केवल दिखावे की कार्रवाई कर रहे हैं।कभी पकड़ते भी हैं तो उन्हें छोड़ भी दिया जाता है।पशु पालकों पर जुर्माने का ठोस प्रावधान नहीं है।

स्थानीय स्तर पर नहीं बनी योजना

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए जमीनी योजना खुद ही बनाना है। इसके लिए शहरी गोठानों में मवेशियों को रखने की व्यवस्था करने पर विचार किया जा सकता है। इसे अलावा मवेशियों के मालिकों पर सख्ती भी की जा सकती है।पूरी तरह बेसहारा मवेशियों को पकड़कर गोठानों-गोशालाओें को भी दिया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button