CG Election 2023: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल की नई दुनिया से सीधी बात, कहा- हमारा चेहरा तय है, कमल फूल और नरेंद्र मोदी
भूपेश सरकार ने कोई भी डेवलपमेंट का कार्य नही किया। स्वास्थ्य की व्यवस्था पूरे प्रदेश में चरमरा के बैठ गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री। एक-दूसरे से चर्चा नहीं करते हैं। एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं।
बालोद। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल अपने दो दिवसीय दौरे पर बालोद पहुंचे। जहां उन्होंने बालोद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र संजारी बालोद, गुंडरदेही डौंडीलोहारा के भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधियों से मुलाक़ात की। साथ ही बैठक कर सभी को चुनाव जीतने के मंत्र दिए। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर हमारे कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर संवाद रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बताया कि बैठक का आशय है कि सम्पन्न हुए कार्यक्रमों की समीक्षा, आगामी कार्यकर्मों की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा, कार्यकर्ताओं के सुझाव और चुनाव की तैयारी के सम्बंध में उनसे बातचीत करना है। यही हमारे बैठक का हेतु और बिंदु है। हमारी तैयारी जमीनी स्तर, बूथ स्तर और मतदान केंद्र स्तर पर है। भूपेश सरकार की नाकामी को लेकर हम जनता के बीच जाने वाले है। वही इस दौरान नई दुनिया संवाददाता रवि भूतड़ा ने नेता प्रतिपक्ष से सीधी बात की।
सीधी बात- (नारायण चंदेल- नेता प्रतिपक्ष)
1. भाजपा के 15 साल और कांग्रेस के साढ़े 4 साल का कार्यकाल, कैसे देखते है इसे ?
जमीन-आसमान का अंतर है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। और जिन कल्पनाओं और सपनों को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ है, 15 साल की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ में विकास के एक नए आयाम लिखे हैं। छत्तीसगढ़ की जो मूलभूत समस्या थी, क्योंकि उस समय वह नवजात था और छत्तीसगढ़ को हमने गढ़ने का काम किया। बस्तर से सरगुजा तक एक नए छत्तीसगढ़ को आकार देने का प्रयास हम लोगों ने किया। लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार विकास से भटक गई है। दिशाविहीन सरकार हो गई है। और जिन वादों के आधार पर यह सरकार बनी है, यह झूठ की इबारत पर टिकी है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की बीच है संवादहीनता
भूपेश सरकार ने कोई भी डेवलपमेंट का कार्य नही किया। स्वास्थ्य की व्यवस्था पूरे प्रदेश में चरमरा के बैठ गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जो कि स्वास्थ्य मंत्री भी है, इन दोनों के बीच में संवादहीनता है। एक-दूसरे से चर्चा नहीं करते हैं। एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करना। पूरा समय इसी में गुजर गया। भूपेश सरकार का विकास के प्रति कोई विजन नहीं है। करोड़ों रूपये एडवरटाइजिंग पर खर्च कर रहे हैं, ये सरकार एडवरटाइजिंग की सरकार है। नित नए किस्म के भ्रष्टाचार इस कांग्रेस सरकार में हो रहे हैं। जिसकी कल्पना नहीं कर सकते।
2. कांग्रेस कहती है, छत्तीसगढ़िया वाद वो लेकर आई। यहां की संस्कृति, सभ्यता को नई पहचान उन्होंने दी?
देखिए ऐसा है, भूपेश बघेल जी ये न सिखाए, कि आज ही हम हरेली में गेड़ी चढ़े हैं, कि बासी खाना आज छत्तीसगढ़िया सीखा है। बासी तो हमर तिहा जमाना के हावे, हमर पुरखा जमाना के हे। ये इमोशनल ब्लैकमेलिंग है। छत्तीसगढ़ संस्कृति का प्रचार भूपेश बघेल दिल्ली में कर रहे हैं। बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे है, बड़े-बड़े विज्ञापन दे रहे हैं। वो दिल्ली-मुम्बई के लोगों को क्या मतलब है, इससे। यहां की जो बुनियादी समस्या है, भय और भूख से छत्तीसगढ़ का निर्माण कैसे करेंगे। तेजी से नक्सलवाद बढ़ रहा है, जशपुर के बगीचा क्षेत्र में चार लोगों की मौत हो गई, भूख से। मुख्यमंत्री को वहां जाने की फुरसत नहीं। इस सरकार का कोई मंत्री नहीं गया। किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी विडंबना यह होती है, कि उसकी सरकार के राज में भूख से मौत होती है, तो उस सरकार के मुखिया को अपने पद में रहना का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
3. मणिपुर में बर्बरता हो रही है?
मणिपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। ऐसा नहीं होना चाहिए। लेकिन यह दुर्भाग्य है, कि इस प्रकार की घटना घटित हो रही है। शासन-प्रशासन लगा है कि उसपर लगाम लगे।
4. छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास कोई चेहरा नही है?
देखिए ऐसा है, 2003 में भी हमारी सरकार बनी, उस समय भी हमने कोई चेहरे को ओपन नहीं किया था। हमारा संसदीय बोर्ड तय करता है, हमारा चेहरा तय है, कमल का फूल और नरेंद्र मोदी। उन दोनों को लेकर हम चुनाव मैदान में जाने वाले है। जब जनमत हमारे पक्ष में आएगा। जिसका पूरा विश्वास हम लोगों को है। तो 5 मिनट में फैसला हो जाएगा, कि मुख्यमंत्री कौन होगा। कोई न कोई कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बनेगा।
5. सुकमा के एर्राबोर में मची सियासत पर कांग्रेस कह रही है कि भाजपा पहले मणिपुर देखे?
मुख्यमंत्री का पहला कर्तव्य है अपने प्रदेश को संभालना। वो डायवर्ट मत करे, मणिपुर की तरफ। अपनी गलतियों को छुपाए मत। अपने घर को पहले संभाले। जिसके लिए जनता ने उन्हें बैठाया है। तीन चौथाई बहुमत के साथ।