Bilaspur News: जिले के केवी व जेएनवी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू

जिले के केवी व जेएनवी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू

Bilaspur News: केवी के प्राचार्य व नोडल अधिकारी धीरेंद्र कुमार झा ने कहाजिले के केंद्रीय विद्यालयों व नवोदय विद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। वहीं अब स्कूल में 10+2 का सिस्टम खत्म कर 5+3+3+4 का सिस्टम लागू कर दिया गया है। यानी 5 प्लास फाउंडेशनल स्टेज होगा। इसमें बच्चों की प्राथमिक पढ़ाई खेल-खेल के माध्यम से कराई जाएगी।

इसके बाद 3 प्लस रेबोरेट्री स्टेज फिर 3 प्लस मिडिल और 4 प्लस मिडिल स्टेज है। पहले छह साल के अधिक बच्चों को ही प्रवेश देते थे। अब इससे कम उम्र के बच्चों को बालवाड़ी में पढ़ने वालों बच्चों को फार्मल हिस्सा बनाते हुए नई शिक्षा नीति में जोड़ा गया है। रेलवे क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 स्कूल में किस तरह से लागू की गई है इस पर शुक्रवार को प्रेसवार्ता आयोजित की गई।

इस दौरान केवी के प्राचार्य व नोडल अधिकारी धीरेंद्र कुमार झा, मल्हार जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार श्रीवास्तव, भरनी सीआरपीएफ नवोदय विद्यालय के प्राचार्य मुख्य रूप से शामिल रहे। केवी के प्राचार्य व नोडल अधिकारी धीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि ऩई शिक्षा नीति के तहत 2020 को सबसे पहले रायपुर संभाग ने मुख्य रूप से जिला नारायणपुर और राजनांदगांव को चिन्हित करके बालवाड़ी में शामिल कर शुरुआत कर दी थी।

वर्तमान में 37 केंद्रीय विद्यालयों में से 20 में बालवाटिका खुल गई है। केंद्रीय विद्यालय बिलासपुर में भी बालवाटिका खुल गई है। यहां इस वर्ष पांच बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है। तीन साल से लेकर पांच साल तक के बच्चे बाल वाटिका 1,2,3 में शामिल होंगे। पहली और दूसरी के बच्चे यानी पांच साल तक के बच्चे फाउंडेशनल स्टेज में शामिल होंगे।

बच्चों के कौशल विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विषय भी जोड़ा गया है। इसके तहत तकनीकी चीजों को सिखाया जा रहा है। एऩईपी के लिए शिक्षकों को अपग्रेड होना पड़ेगा, तभी बच्चे मजबूत हो सकेंगे। प्राचार्य झा ने कहा कि हमें फाउंडेशन लिटरेसी और न्यूमेरेसी एचीव करना है, जिससे तीसरी तक बच्चे को यह ज्ञान हो जाए। यानी कि बच्चा पढ़ना सीखे और संख्यात्मक ज्ञान हो जाए।

इसके लिए 2025 तक लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को लेकर एफएलएल कई जगहों पर सेमिनार का आयोजन कर रहा है। जिले के हर विद्यालय में एफएलएम की दो कार्य़शाला का आयोजन किया जा चुका है।

टाय बेस्ड हालिस्टिक एजुकेशन प्राप्त कर रहे बच्चे पहले योजना बनाई गई कि टेक्टबुक बनाकर मल्टीलिंगुअलिज्म व कल्चरल कंपोनेंट को बढ़ावा मिले। इसके लिए हाल ही में एनसीईआरटी ने पहली और दूसरी की नई किताबों को तैयार कर लागू कर दिया गया है।

इसमें खेल-कूद की गतिविधियां समेत अन्य चीजों को लागू कर दिया है। इसमें टाय बेस्ड हालेस्टिंक एडुकेशन प्राप्त कर रहे हैं। बिलासपुर में तीन दिन की टाय बेस्ट कार्यशाला का आयोजन कर बच्चे खेत-खलिहान, नवाचार से जुड़ रहे हैं। नई शिक्षा नीति में भी बताया गया है कि एजुकेशन ज्वायफुल होनी चाहिए।

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