YSR Congress: संसद में वोटिंग हुई तो सरकार का साथ देगी जगन की पार्टी, कांग्रेस से बड़ा झटका केजरीवाल को
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार को राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल को पारित कराने में बहुत मदद मिलेगी। यह आम आदमी पार्टी के लिए चिंता की बात है।
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामेदार रहा है। इस बीच, सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSR Congress ने एलान किया कि यदि संसद में वोटिंग हुई, तो वह मोदी सरकार का साथ देगी।
YSR Congress का यह एलान विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका है। हालांकि, जगन की पार्टी विपक्ष दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा नहीं थी, लेकिन उसका समर्थन केंद्र सरकार को मजबूत करेगा, खासतौर पर राज्यसभा में, जहां एनडीएस के पास नंबर्स कम हैं।
वाईएसआर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेगी
वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता विजयसाई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन करने और विपक्षी गुट इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया है।
26 दलों के विपक्षी गठबंधन ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर प्रधानमंत्री से सदन के अंदर मणिपुर की स्थिति पर बोलने की मांग की है। हालांकि, नोटिस स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन तारीख पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता विजयसाई रेड्डी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने से देश को कैसे मदद मिलेगी। मणिपुर और दो शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों में अशांति के इस समय केंद्र सरकार को कमजोर करने की कोशिश करना राष्ट्रीय हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक-दूसरे के खिलाफ नहीं बल्कि मिलकर काम करने का समय है। वाईएसआर पार्टी सरकार का समर्थन करेगी और प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगी।
दिल्ली सेवा अध्यादेश पास करवाना हुआ आसान
केंंद्र सरकार दिल्ली अध्यादेश बिल को सोमवार को लोकसभा में पेश कर सकती है। लोकसभा में तो पूर्ण बहुमत है, इसलिए यहां बिल बिना किसी परेशानी के पास हो जाएगा। अब YSR Congress के आने से राज्यसभा की लड़ाई भी आसान हो गई है।
वाईएसआर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी अगले सप्ताह जब दिल्ली सेवा अध्यादेश को बदलने के लिए विधेयक लाएगी तो वह राज्यसभा में सरकार के पक्ष में मतदान करेगी।
अरविंद केजरीवाल किसी भी कीमत पर नहीं चाहते कि यह बिल संसद से पारित हो। उन्हें उम्मीद थी कि राज्यसभा में मतदान हुई तो उनके पक्ष में फैसला आया, लेकिन YSR Congress के फैसले से उनकी उम्मीद टूट गई है।