महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने काम कर रही भूपेश सरकारमहिलाओं की प्रगति के लिए रोजगार दिलाने कराया जा रहा ऋण उपलब्ध – ससंदीय सचिव
महासमुंद। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। महिलाओं की प्रगति के लिए रोजगार दिलाने उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि महिलाओं की प्रगति के लिए अच्छी शिक्षा और आर्थिक स्थिति का मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए महिलाओं को रोजगार दिलाने ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। गोबर बेचकर भी महिलाएं अच्छी कमाई कर रहीं हैं। बजट में अनेक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने का प्रविधान किया गया है। गोठानों में वर्मी कंपोस्ट, पेंट बनाने और साग सब्जी उगाकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। निश्चित रूप से महिलाएं अब आर्थिक रूप से सक्षम होकर अपना जीवनस्तर ऊंचा उठा रही है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं हाट बाजार और छोटे कार्यों के लिए ऋण लेने हेतु बैंक जाने में संकोच करती थीं। राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ महिला कोष का संचालन कर रही है। महिला कोष के माध्यम से महिलाओं के कौशल उन्नयन के साथ उन्हें व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए कम ब्याज दर में ऋण उपलब्ध कराकर सहयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में नवीन कौशल्या समृद्धि योजना के लिए 25 करोड़ रूपए का बजट अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किया है। इस योजना के शुरू होने से महिलाओं को महिला कोष से बड़ी राशि प्राप्त हो सकेेगी। ऋण योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह को दी जाने वाली ऋण राशि को दो लाख से बढ़ाकर चार लाख करने की घोषणा की गई थी। वित्तीय वर्ष में बड़ी संख्या में महिला समूह को 4 लाख रूपए का एकमुश्त ऋण स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की जब नीयत साफ हो, मंशा स्पष्ट और नीति कारगर तो योजनाएं अवश्य साकार होती हैं। छत्तीसगढ़ में भी यह सब देखने को मिल रहा है। जहाँ भूपेश सरकार की नीयत, नीति और मंशा सबकुछ साफ और स्पष्ट है। गाँवों में उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारे को साकार कर रही है। भूपेश सरकार की योजनाएं किस तरह से साकार हो रही है, इसे मुख्यमंत्री खुद हितग्राहियों के बीच जाकर देख कर रहे हैं। हिताग्राहियों से मिल रहे हैं, उनसे बात कर उनके आत्मनिर्भर बनने, आर्थिक रूप से सशक्त बनने की कहानी को सुन रहे हैं। सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया है। नतीजा ये रहा है कि आज महिलाएं भी अनेक तरह के कार्यों से जुड़कर स्वरोजगार को प्राप्त कर रही हैं. फिर चाहे वह गौठान में संचालित योजनाएं हो या फिर स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता के साथ आगे बढ़ने का काम हो।000000000000000000