क्या चेतेश्वर पुजारा के लिए बंद हो गए हैं टीम इंडिया के दरवाजे? BCCI सूत्र के इस बयान से मिला जवाब

नई दिल्ली.  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने शुक्रवार को वेस्टइंडीज दौरे के लिए टेस्ट और वनडे टीम का ऐलान किया। इन दोनों ही स्क्वॉड में कुछ नए खिलाड़ियों की एंट्री हुई, वहीं टेस्ट टीम से चेतेश्वर पुजारा और उमेश यादव जैसे सीनियर प्लेयर्स को ड्रॉप किया गया। पुजारा इनमें सबसे बड़ा नाम है। पुजारा की फॉर्म पिछले कुछ समय से अच्छी नहीं रही है। वह काउंटी क्रिकेट में तो रनों का अंबार लगा रहे हैं, मगर टीम इंडिया के लिए उनके बल्ले से ज्यादा रन नहीं निकले हैं। ऐसे में चयनकर्ताओं ने एक बार फिर उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया है। ऐसे में जब पुजारा दोबारा टीम से बाहर हुए तो क्रिकेट के गलियारों में बातें होने लगी कि क्या अब उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं?

जब पिछली बार चेतेश्वर पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ होम सीरीज से ड्रॉफ किया गया था तो पूर्व मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने कहा था कि इन दोनों बल्लेबाजों की वापसी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। अगर उन्हें वापस टीम इंडिया में जगह बनानी है तो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

श्रीलंका सीरीज से ड्रॉप होने के बाद पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में हिस्सा लिया जहां उन्होंने रनों का अंबार लगाया। इस दौरान उन्होंने कई शतक और दोहरे शतक भी लगाए। ऐसा लग रहा था कि पुजारा अपनी खोई हुई लय वापस पकड़ चुके हैं जिस वजह से उन्हें 2022 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मौका दिया गया। इस मौके की वजह से पुजारा टेस्ट क्रिकेट में 100 मैच का आंकड़ा भी पार करने में कामयाब रहे।

पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में तो खूब रन बनाए, मगर टीम इंडिया के लिए खेलते हुए उनकी परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं रही। बांग्लादेश दौरे पर चैटोग्राम मैच को छोड़कर उनके बल्ले से अधिक रन नहीं निकले। पुजारा ने डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होम सीरीज में भी हर किसी को निराश किया था।

मामले की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘एक बार जब वह घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया सीरीज में असफल रहे, तो उनके लिए बहुत कम मौके थे, लेकिन चयनकर्ता डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले चीजों को बदलना नहीं चाहते थे।’

सूत्र ने आगे कहा, ‘ओवल में दो पारियों की असफलताओं ने उनकी किस्मत तय कर दी। एसएस दास डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए लंदन में थे। उन्होंने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से बात की होगी और फाइनल के बाद अपने पैनल की विचार-प्रक्रिया के बारे में बताया होगा।’

पुजारा के अलावा विराट कोहली के बल्ले से भी पिछले कुछ समय से रेड बॉल क्रिकेट में ज्यादा रन नहीं निकले हैं, मगर सूत्र का कहना है कि एक साथ बड़े पैमाने पर इतने बदलाव नहीं किए जा सकते। वहीं कोहली और पुजारा की लय में काफी अंतर रहा है।

सूत्र ने कहा ‘यह दो साल का चक्र है और आप सिर्फ बड़े पैमाने पर बदलाव नहीं कर सकते। पुजारा तीन साल से रन नहीं बना रहे हैं। विराट कोहली और पुजारा के बीच लय का अंतर रहा है। हां, कोहली का स्पैल भी सूखा रहा है लेकिन वह कभी भी आउट ऑफ फॉर्म नहीं दिखे। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद पुजारा ने आपको कभी भी यह विश्वास नहीं दिलाया कि वह लय में हैं। इरादा भी एक मुद्दा था। बांग्लादेश के खिलाफ दो पारियों का कोई खास परिणाम नहीं था।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button