रियल टाइम्स फॉलोअप: दालों ने किया हाल बेहाल, पहली बार राहर दाल चिल्हर में 160 पार
रायपुर . देश भर में महंगाई आउट ऑफ कंट्रोल होती जा रही है। जिस भी कारोबारी और उत्पादक काे मौका मिल रहा है, वह अपनी वस्तुओं के दाम बढ़ाने में लगा है एक के बाद एक करके लगातार किसी न किसी किचन के सामान में आग लग रही है। अब राहर दाल में लगातार महंगाई का उबाल आ रहा है। पहले कीमत 140 रुपए के पार हुई अब चिल्हर में कीमत 160 रुपए के पार हो गई है, क्योंकि थाेक में ही इसकी कीमत 145 रुपए पहुंच गई है। चावलों की कीमत में भी आग लग गई है। हल्का चावल 30 रुपए पार और ऊंचा चावल 60 रुपए किलो हो गया है।
घरेलू सामानों की कीमत में लगातार इजाफा होने के कारण आम आदमी का बजट गड़बड़ा रहा है। हर सामान की कीमत आसमान छू रही है। चावल, आटा, दालों से लेकर मसालों पर महंगाई की मार पड़ रही है। ऐसा कोई सामान नहीं है जिसकी कीमत में इजाफा नहीं हो रहा है।
दालों में महंगाई का उबाल
देश में पिछले कुछ सालों से लगातार राहर दाल का उत्पादन कम होते जा रहा है। तीन साल पहले 2021 में राहर दाल का उत्पादन 42 लाख टन था। यह पिछले साल घटकर 34 लाख टन हो गया। इस साल इसका उत्पादन 29.5 लाख टन हो गया है। इस बार बेमौसम बारिश के कारण भी फसल खराब हुई है। यही वजह है कि कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। राहर दाल की कीमत तीन माह में 50 तक बढ़ गई है। वैसे इस साल की बात करें तो कीमत में 60 रुपए का इजाफा हुआ है। साल के प्रारंभ में कीमत सौ रुपए थी, लेकिन इसके बाद फरवरी से लगातार कीमत बढ़ रही है। इस समय चिल्हर में अच्छी दाल 160 से 165 रुपए और थोक में 140 से 145 रुपए है। अन्य दालों की बात करें तो चना दाल ही इस समय थोक में 60 से 65 और चिल्हर में 70 से 75 रुपए है। उड़द दाल थोक में 90 से 100 और चिल्हर में 100 से 110 रुपए हैं। उड़द दाल धुली थोक में 110 से 115 और चिल्हर में 120 से 130 रुपए है। मूंग दाल थोक में 100 से 110 और चिल्हर में 120 से 130 रुपए है। काबुली चना भी बढ़ गया है। थोक में यह 125 से 130 और चिल्हर में 140 से 150 रुपए बिक रहा है।
चावलों की कीमत भी बढ़ी
चावलों की कीमत में भी लगातार इजाफा हो रहा है। जो चावल कुछ माह पहले 45 से 50 रुपए थे, वो अब 55 से 60 रुपए हो गए हैं। हल्का चावल जो 22 से 25 रुपए किलो था, वह 30 से 32 रुपए किलो हो गया है। गेंहू की कीमत में चार से पांच रुपए का इजाफा हुआ है। लोकल आटा पहले की तुलना में कम हुआ है, लेकिन अच्छा आटा पांच किलो दो रुपए तक मिल रहा है।