भारत के संवैधानिक मूल्यों से ही भारत राष्ट्र का नव निर्माण संभव होगा- कमिश्नर वासनीकर

राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कर्मा धाम कृष्णा नगर में एक दिवसीय भारत राष्ट्र नव निर्माण संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विभागीय जांच आयोग छत्तीसगढ़ शासन के आयुक्त .दिलीप वासनीकर ,अध्यक्षता ओ बी सी बहुजन विभाग के संयोजक रघुनंदन साहू ,मुख्य वक्ता राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के संयोजक गोपाल ऋषिकर भारती ,विशेष अतिथि मान्यवर कांशीराम जी के साथ बहुजन आंदोलन के संस्थापक सदस्य एवं एन टी पी सी के पूर्व महाप्रबंधक टी आर खूंटे,रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख नेताओं में सुनील रामटेके , सी बी आई के पूर्व जज प्रभाकर ग्वाल, तथागत संदेश के संपादक एवं पूर्व संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग डा आर के सुखदेवे,समता सैनिक दल की राष्ट्रीय महासचिव डा प्रज्ञा तारा, निषाद मूलनिवासी संघ के राष्ट्रीय महासचिव शिवलोचन निषाद,ओ बी सी इंटेलेच्वल सेल के प्रभारी डा ईश्वर दान,समता सैनिक दल के नेता आदित्य बोधी के साथ अनेकों आमंत्रित अतिथि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।मुख्य अतिथि छ ग शासन विभागीय जांच आयोग के कमिश्नर दिलीप वासनिक ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर और और उनका मिशन हमारे रग रग में समाया हुआ है।मै जहां भी कलेक्टर ,कमिश्नर रहा अपनी नौकरी को निभाते हुए मैंने बाबा साहब और तथागत बुद्ध को स्थापित करने में कोई कसर नही छोड़ा चाहे ओ बस्तर, काकेर हो या रायपुर ।आज के इस भारत राष्ट्र नवनिर्माण संगोष्ठी कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित किया गया इस कार्यक्रम की महत्ता को समझते हुए मैने अपने इंपॉर्टेंट निजी कार्यक्रमों को छोड़ दिया। हम सबको मिलकर भारत देश में चल रहे जातिवादी खंडित हिंदू राष्ट्रवाद के खतरों से अपने भारत देश और मानव समाज को बचाना ही होगा।ऐसे समय में आज के भारत राष्ट्र नवनिर्माण संगोष्ठी कार्यक्रम से हम एक प्रेरक संदेश भारतवासियों को दे सकते हैं। याद रहे भारत के संवैधानिक मूल्यों से ही भारत राष्ट्र का नवनिर्माण संभव होगा।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गोपाल ऋषिकर भारती ने अपने संबोधन में बताया कि राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत की शुरुवात 26 नवंबर 2016 को जंतर मंतर पर बड़े आंदोलन से की गई थी।पिछले 1 मई 2023 से हमने भारत राष्ट्र नव निर्माण अभियान की शुरुवात कोरबा से किए हैं।संगोष्ठी यों के बाद भारत राष्ट्रवाद को हम भारतवासियों की असली आजादी का एक राष्ट्रव्यापी जनांदोलन बना देंगे। जिसमे जातिभेद,पूंजीवाद,लिंगभेद,और छुआछूत वाली 4000 वर्षों की गुलामी को 4 वर्षों के अंदर ही समाप्त कर देने वाली महाक्रांति खड़ी हो जाएगी इसके लिए भाजपा की मोदी सरकार का संकट ही हमारे लिए बेहतर अवसर साबित होते जा रहा है।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी और कई संगठनों के पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति और सहयोग प्रदान किए जिनमे प्रमुख रूप से मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं एन टी पी सी के पूर्व महाप्रबाधक शिवकुमार केशकर,केंद्रीय सचिव क्रांति कुमार साव,छत्तीसगढ़ प्रभारी इंजिनियर रामफल मांडरे , के एन रंगारी प्रदेश महासचिव, बहुजन समाज पार्टी जिला रायपुर अध्यक्ष एड मारकंडे , आदिवासी नेता श्रीधर नेताम,महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा रातरे ,अखिल भारतीय किसान ,मजदूर बेरोजगार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र थवाईत,छत्तीसगढ़ संयुक्त मोर्चा के शंकर रातरे, पत्रकार श्रीकृष्ण चिंचखेड़े ,महेंद्र रामटेके,प्रदेश सचिव सुनील मिंज, गनेंद्र कुमार महिलांगे ,विष्णु धीवर,नरेंद्र तारक,एड भंजन जांगड़े,अभिषेक खलको,महादेव दास,इंजिनियर अशोक कुमार लहरे,योगेश सहारे,अरविंद कुमार,वासुदेव मेश्राम राजनांदगांव,घनश्याम दास ढिंडौडे प्रदेश अध्यक्ष समता सैनिक दल,हर्षप्रताप मन्नाडे जिला अध्यक्ष एस एस डी,प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।सभी ने खंडित हिंदू राष्ट्रवाद का बहिष्कार करते हुए भारत राष्ट्रवाद की स्थापना पर अपना सहयोग करने का जोरदार समर्थन किया।

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