जानिए मृत्युंजय मंत्र और लघु मृत्युंजय मंत्र में क्या है अंतर, इस विधि से करें मंत्र का जाप …

मृत्युंजय मंत्र की महिमा के बारे में हर व्यक्ति जानता है. इस मंत्र का नियमित रूप से जाप व्यक्ति की अकाल मृत्यु को टालने में भी सहायक हो सकता है. कहते हैं भगवान शिव का मृत्युंजय मंत्र इंसान के जीवन में आ रहे संकट को भी खत्म कर सकता है. इसके लिए आपको पूरी श्रद्धाभाव से इसका जाप करना है.

भगवान भोलेनाथ सभी देवी-देवताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. इनके भक्तों की संख्या अनगिनत है. भगवान शिव की भक्ति और उपासना के लिए सोमवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. कहते हैं कालों के काल महाकाल की, जो भी भक्त सच्चे मन से आराधना करता है उसके ऊपर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं आता. भगवान शिव का मृत्युंजय मंत्र जिसके बारे में पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है कि इस मंत्र का जो भी नियमित रूप से जाप करेगा कभी उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी. जिस व्यक्ति को दीर्घायु होना है वे मृत्युंजय मंत्र का जाप कर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं.

महा मृत्युंजय मंत्र और लघु मृत्युंजय मंत्रमें अंतर

महा मृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण सवा लाख है और लघु मृत्युंजय मंत्र छोटा है लेकिन इसका पुरश्चरण 11 लाख है.

|| महा मृत्‍युंजय मंत्र ||

ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

समस्‍त संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले शिव की हम अराधना करते हैं. विश्‍व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शिव मृत्‍यु न कि मोक्ष से हमें मुक्ति दिलाएं.

||लघु मृत्‍युंजय मंत्र ||

ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ। किसी दुसरे के लिए जप करना हो तो-ॐ जूं स (उस व्यक्ति का नाम जिसके लिए अनुष्ठान हो रहा हो) पालय पालय स: जूं ॐ

इस विधि से करेंमृत्युंजय मंत्र का जाप

  • सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान शिव के समक्ष मन में उस कार्य को दोहराएं जिसके लिए आपको मृत्युंजय मंत्र का जाप करना हैं.
  • अब शिवलिंग के समक्ष 1 लाख या अपनी श्रद्धा अनुसार मंत्र जाप का संपल्प लें.
  • दोनों में से किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसके लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए. इस मंत्र की शुरुआत सोमवार से करना अति लाभकारी माना जाता है.
  • इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि मृत्युंजय मंत्र का जाप दोपहर 12 बजे से पहले करें. 12 बजे के बाद इस मंत्र का फल प्राप्त नहीं होता.
  • घर पर शिवलिंग की पूजा करने के बाद इस मंत्र का जाप शुरु करना चाहिए. यदि घर पर संभव ना हो तो किसी भी शिव मंदिर जाकर शिवलिंग का पूजा करें और घर आकर घी का दीपक जलाएं. इस मंत्र का 11 माला लगातार 10 दिन तक जाप करें. इसके बाद हवन करें.

मृत्युंजय मंत्र से होने वाले लाभ

दोनों में से किसी भी मंत्र का जाप ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, रोग, जमीन-जायदाद का विवाद, हानि की सम्भावना या धन-हानि हो रही हो, वर-वधू के मेलापक दोष, घर में कलह, सजा का भय या सजा होने पर लाभ पहुंचाता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button