सेना में NCC कोटे के अफसरों के आधे पद खाली, नहीं मिल पा रहे योग्य अभ्यर्थी

एनसीसी का सी सार्टिफिकेट सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके जरिये सेना में अफसरों की सीधी भर्ती होती है। पर सेना में एनसीसी कोटे से अफसरों के लिए आरक्षित करीब-करीब आधी सीटें खाली पड़ी हैं। सेना के सूत्रों की मानें तो योग्य उम्मीदवारों की कमी के कारण ऐसा हो रहा है। 
दरअसल, यह खुलासा हाल में रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की रिपोर्ट से हुआ है। समिति ने अपनी पड़ताल में पाया कि 2018-2022 के बीच सेना में एनसीसी के सी सार्टिफिकेट कोटे से सीधे भर्ती होने वाले अफसरों के पद रिक्त पड़े हैं। इस अवधि में कुल 889 रिक्तियां सेना ने निकाली। ऐसे उम्मीदवारों को कोई परीक्षा नही देनी होती है बल्कि सीधे एसएसबी बोर्ड के समक्ष इंटरव्यू के लिए उपस्थित होना होता है। लेकिन इनमें से 473 पदों पर ही भर्तियां हो पाई। शेष खाली रह गई। यानी 53 फीसदी रिक्तियां भर पाई और शेष 47 फीसदी के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिले। 

एनसीसी को प्रोत्साहित करने के लिए सीधी भर्ती
एनसीसी को प्रोत्साहित करने के लिए सीधी भर्ती का प्रावधान किया गया है। लेकिन योग्य उम्मीदवारों की कमी साफ दिख रही है। इसके पीछे की वजहों की पड़ताल से पता चलता है कि एनसीसी के मौजूदा प्रशिक्षण एवं पाठयक्रम में बदलाव किए जाने की जरूरत है तभी वहां ऐसे सी सार्टिफिकेटधारी तैयार किए जा सकेंगे जो सेना में अफसर बनने के योग्य हों। सेना में अधिकारियों की अनेक तरीकों से भर्ती होती है जिसमें एनसीसी एक आकर्षक और सर्वाधिक प्रचलित पुराना तरीका है। 

समिति की फटकार
समिति ने कहा कि एक तरफ तीनों सेनाओं में अफसरों के हजारों पद रिक्त पड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ एनसीसी के सी सार्टिफिकेटधारियों का भी चयन नहीं हो पाना चिंताजनक है। 

अर्धसैनिक बलों में भी तरजीह मिले
समिति ने कहा, सेना में योग्य अफसरों की आपूर्ति के लिए एनसीसी अपने पाठयक्रम एवं प्रशिक्षण में सुधार करे तथा अर्धसैनिक बलों में एनसीसी सी सार्टिफिकेट धारकों को मौके देने के लिए अतिरिक्त बोनस अंक प्रदान करे।

15 लाख कैडेट्स
एनसीसी के 15 लाख कैड्टस हैं और देशभर में 825 यूनिटें संचालित हैं। सरकार एनसीसी के लिए प्रतिवर्ष तीन हजार करोड़ का बजट प्रशिक्षण के लिए प्रदान करती है। चरणबद्ध पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद पहले ए फिर बी और बाद में सी सार्टिफिकेट प्राप्त होता है। 

साइबर अपराधों से निपटने में उपयोग हो
समिति ने कहा कि एनसीसी कैडेट्स को प्रशिक्षण देकर उनका उपयोग साइबर अपराधों से निपटने के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए किया जा सकता है। 
 

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