प्रशिक्षित डीएड व बीएड संघ का प्रदर्शन कल, प्रदेशभर से रायपुर में जुटेंगे युवा बेरोजगार

50% आरक्षण रोस्टर लागू कर जल्द भर्ती करने की मांग, ताना सुन सुनकर परेशान हैं युवा

रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड व बीएड संघ के नेतृत्व में 9 अप्रैल को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन रायपुर के बूढ़ा तालाब में आयोजित किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के बेरोजगार युवा अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाएंगे. छत्तीसगढ़ में रुकी हुई सभी शासकीय भर्ती को जल्द जारी करने के लिए सरकार का ध्यानाकर्षण करेंगे.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष दाऊद खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार आरक्षण मामले को हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में लंबित बताकर पिछले एक सालों से शिक्षक सहित समस्त विभाग के भर्ती को रोक रखी है. शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, छात्रावास अधीक्षक, ADO, लाइब्रेरियन, पटवारी, एसआई, सहकारिता जैसे बड़े-बड़े विभाग के पद हैं, जिसमें हजारो की संख्या में पद रिक्त है, जिसमें भर्ती का इंतजार छत्तीसगढ़ का युवा बेरोजगार पिछले एक साल से कर रहे. इन पदों पर भर्ती न होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड बीएड संघ के सचिव ललित कुमार साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओ को बेरोजगारी भत्ता की नहीं, उचित रोजगार की आवश्यकता है. छग विधानसभा में मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के 60 हजार से अधिक पदों की रिक्तता से सम्बन्धी जानकारी पेश की है. इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ के समस्त विभाग में लाखों की संख्या में पद रिक्त है, जिस पर सरकार को तुरंत नोटिफिकेशन जारी कर भर्ती करनी चाहिए, ताकि सभी पदों पर जल्द भर्ती होने से युवाओ को उचित रोजगार प्राप्त हो सकें.

मामला कोर्ट में है, लेकिन 50% राज्य सरकार के हाथ में है. ऐसे में विभिन्न विभागों में लाखों पद ख़ाली है. ऐसे में 50% आरक्षण रोस्टर लागू कर परेशान बेरोज़गार युवाओं की परेशानी दूर करें. कर्ज़ लेकर, लोन लेकर, मां-बाप की गाढ़ी कमाई को लगाकर इन युवाओं ने पढ़ाई की, लेकिन नौकरी के इंतज़ार में अब इनका उम्र का बंधन पार हो जाएगा. ऐसे में उनकी मेहनत और पैसा दोनों ख़राब हो जाएगा. अगर तीन चार महीनों में भर्ती नहीं की गई तो इन युवाओं के अयोग्य होने के लिए ज़िम्मेदार सरकार होगी.

बेरोजगार युवाओं का कहना है कि पढ़ लिखकर बेरोज़गार बैठे युवा इन दिनों आर्थिक समस्या तो जूझ रहे हैं. साथ ही आसपास के लोगों, परिजनों के ताना और तंज से भी परेशान है. कहा जा रहा है कि पढ़ लिखकर क्या कर लिए ? बेरोज़गार बैठे हो ? क़ब नौकरी मिलेंगी ? बाज़ू वाला मज़दूरी में जा रहा है तुम भी जाओ ? इस तरह बात सुनने के लिए हम लोगों ने पढ़ाई नहीं की है, लेकिन सरकार ने ये हालात पैदा कर दी है इसलिए सुनना पड़ रहा है.

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