अंबिकापुर BREAKING: बच्चों को जहर दे व्यापारी ने लगाई फांसी, 10 साल की बेटी की मौत, डेढ़ साल का बेटा अस्पताल में भर्ती, सुसाइड नोट में लिखा- कोई जिम्मेदार नहीं
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में रविवार देर शाम एक व्यापारी ने अपने दो बच्चों को जहर देकर खुद भी फांसी लगा ली। घटना में 10 साल की बेटी की मौत हो गई। डेढ़ साल का बेटा अस्पताल में भर्ती है। व्यापारी की पत्नी जब घर लौटी तो घटना का पता चला। इसके बाद से पत्नी सदमे में है। उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना का कारण स्पष्ट नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना गांधी नगर थाना क्षेत्र में की है।
जानकारी के मुताबिक, पेंड्रा निवासी सुदीप मिश्रा अपनी पत्नी, दो बच्चों 10 साल की सृष्टि व डेढ़ साल के बेटे और माता-पिता के साथ वसुंधरा कॉलोनी में फर्स्ट फ्लोर पर रहता था। उसकी गोधनपुर में हार्डवेयर की दुकान है। बताया जा रहा है कि रविवार शाम को पत्नी किसी काम से बाजार गई थी। घर में सुदीप और बच्चे थे। उनके पिता सिंचाई विभाग से रिटायर्ड इंजीनियर हैं और पत्नी के साथ बेटी से मिलने बेंगलुरु गए हुए हैं।
घटना के बाद से पत्नी बेसुध, अस्पताल में भर्ती
देर शाम जब पत्नी घर लौटी तो देखा कि सुदीप फांसी से लटका हुआ था और कमरे में दोनों बच्चे बेसुध पड़े थे। इस पर उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग पहुंचे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस पहुंची तब तक सुदीप की मौत हो चुकी थी। वहीं पुलिस ने दोनों बच्चों को अस्पताल भिजवाया। जहां सृष्टि को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से सुदीप की पत्नी बेसुध है। उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मकान में नीचे सास रहती हैं, उन्हें घटना का पता नहीं चला
पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चों को जहर दिया गया था। बेटे की हालत फिलहाल ठीक है। मकान के फर्स्ट फ्लोर पर सुदीप का परिवार रहता था और नीचे उसकी सास रहती है। वह दिव्यांग हैं। सुदीप की पत्नी उनकी इकलौती बेटी थी, तो वह भी दामाद के घर आकर रहने लगी थीं। उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी। मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें किसी को भी इस घटना का जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
दुकान चल नहीं रही थी, कर्ज भी था
इस पूरी घटना को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दे पा रहा है। पुलिस को पत्नी के होश में आने और स्थिति नियंत्रित होने का इंतजार है, जिससे उससे पूछताछ की जा सके। हालांकि बताया जा रहा है कि सुदीप की हार्डवेयर की दुकान कुछ खास चल नहीं रही थी। उसके ऊपर कर्ज भी हो गया था। इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।