तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत हुई चालानी कार्यवाही
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालो का कटा चालान
नारायणपुर, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत शहर को स्मोक फ्री बनाने के लिए कलेक्टर सर के निर्देशानुसार एवम् मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वी के भोयर सर के मार्गदर्शन में शहर में चालानी कार्यवाही की गयी। इस दौरान जिला प्रवर्तन दल द्वारा सार्वजिनक स्थानों एवं शैक्षणिक संस्थान के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पाद बेंचने पर सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) अंतर्गत कार्रवाई की गई।
इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत गिरी ने बताया, “शहर में सार्वजनिक स्थानों एवं शैक्षणिक संस्थान के 100 गज की परिधि पर स्थित दुकानों में कोटपा एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर कोटपा एक्ट की धारा 4 एवं 6 अंतर्गत कुल 17 चालान किये गए एवं 3100 रुपये की चालानी कार्रवाई की गई। साथ ही दुकानदारों को प्रतिबंधित पदार्थों की खरीद-बिक्री के लिए गठित कानून के बारे में भी जानकारी दी गई ।जिले के शहरी क्षेत्रों को तंबाकू मुक्तक्षेत्र बनाये जाने के तहत चालानी कार्रवाई की गई है। साथ ही इस कार्यवाही का उद्देश्य कोटपा अधिनियम 2003 की धाराओं को शहरी क्षेत्रों में लागू करना है।कार्रवाई के दौरान पान स्टाल पर धूम्रपान किया जा रहा था एवं बिना चेतावनी चिन्ह के तम्बाकू पदार्थों को बेचा जा रहा था। इस संबंध में दुकान के मालिक सहित वहां पर आए लोगों को भी कोटपा एक्ट 2003 के बारे में जागरूक कराया गया।
जिले को पूर्णता तंबाकू सेवन से मुक्त जिला बनाए जाने के उद्देश्य से जिले में कोटपा अधिनियम 2003 की धारा 4 एवं 6 के अंतर्गत समस्त सार्वजनिक स्थलों एवं कार्यस्थलों पर गैर ध्रुमपान क्षेत्र का बोर्ड लगाया जाना और बोर्ड पर प्रभारी अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी का नाम लिखा जाना अनिवार्य है। इस कार्रवाई में जिला नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत गिरी, ब्लूमबर्ग परियोजना के प्रकाश श्रीवास्तव औषदी निरीक्षक देवेंद्र ध्रुव एवं पुलिस विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी नारायणपुर का सहयोग प्राप्त हुआ।
’कोटपा एक्ट क्या है’
सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियम) अधिनियम, जिसे कोटपा एक्ट, 2003 के नाम से भी जाना जाता है।
’क्या है कोटपा की धारा’
’धारा 4’ के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान अपराध है। सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी, मालिक हर प्रवेश द्वार एवं हर मंजिल से सुस्पष्ट स्थान पर एक काले धुएं के साथ सिगरेट अथवा बीड़ी के चित्र को काटती हुए प्रदर्शित होगी। बोर्ड के नीचे प्रभारी, मालिक (जिसके पास उल्लंघन की शिकायत की जानी है) का नाम व फोन नंबर लिखा हो, यदि सार्वजनिक प्रभारी/मालिक उल्लंघन करने पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर व्यक्तिगत अपराधों की संख्या के समतुल्य जुर्माना लगाया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर (स्मोकिंग एड) सिगरेट, लाइटर एवं बीड़ी सिगरेट जलाने के लिए उपकरण (माचिस) उपलब्ध नहीं करवाये जायेंगे। केवल 30 कमरों से ज्यादा वाले होटल, 30 व्यक्तियों से ज्यादा बैठने की क्षमता वाले भोजनालय एवं एयरपोर्ट में अलग स्मोकिंग जोन बनाया जा सकता है, लेकिन वह केवल कानूनी प्रावधानों के अनुरूप ही बनाया जा सकता है। उक्त नियमों के उल्लंघन पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
इसी तरह ’धारा 5’ के अंतर्गत तंबाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है। तंबाकू पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर काले अक्षरों में सफेद पृष्ठभूमि का बोर्ड लगा सकते हैं जिस पर ‘’तंबाकू से कैंसर होता है’’ लिखा होना चाहिए। तंबाकू पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर लगे बोर्ड चमकदार (बिजली युक्त) नहीं होना चाहिए। टेलीविजन व फिल्मों में तंबाकू के दृश्यों को दिखाना अपराध है। उक्त नियमों को उल्लंघन पर 1 से 5 वर्ष की कैद 1000 रूपये से 5000 रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। ’धारा 6’ के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है। 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के द्वारा तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है। नाबालिगों को तंबाकू पदार्थ बिक्री स्थान पर दिखाई नहीं देना चाहिए। बिक्री के स्थान पर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है। शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना अपराध है।