पिरामल फाउंडेशन के स्वास्थ्य दल ने पारम्परिक उपचारकर्ता सिरहा-गायता एवं पुजारियों के साथ स्थानीय जड़ी-बूटियों की उपलब्धता एवं प्रसंस्करण पर की चर्चा

कोण्डागांव, जिले के कोण्डागांव ब्लॉक के नेवता पंचायत भवन में पिरामल फाउंडेशन के बैनर तले एक दिवसीय जनजातीय उपचारकर्ताओं सिरहा-गायता एवं पुजारियों के साथ गहन समूह चर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य परंपरागत चिकित्सा पद्धति पर आधारित दृष्टिकोण को समझने और इस पद्धति में आने वाली समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही स्थानीय जड़ी-बूटियों की उपलब्धता एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। इस दौरान ब्लॉक के जनजातीय क्षेत्रों में परंपरागत पीढ़ी दर पीढ़ी जनजातीय उपचारकर्ता के द्वारा उपयोग में की जाने वाली चिकित्सा पद्धति के प्रभाव दुष्प्रभाव, जटिलता के बारे में जानकारी ली गई। वहीं जड़ी-बूटियों की उपलब्धता व इनके प्रसंस्करण आदि पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया गया। जनजातीय उपचारकर्ताओं द्वारा किस जड़ी बूटी का इस्तेमाल किस प्रकार किया जाता है इस पर भी चर्चा किया गया। इस बारे में पिरामल फाउंडेशन के प्रदीप राव ने बताया कि स्थानीय परम्परागत जनजातीय उपचारकर्ताओं को अतिरिक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता के बारे में भी चर्चा किया गया, ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध वन औषधि और  अन्य महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों का उपयोग करने के तरीके इत्यादि पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। वहीं जिला अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों से स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श लेकर चिकित्सा कराये जाने के लिए ग्रामीणों को अभिप्रेरित कर व्यापक जनजागरूकता निर्मित किये जाने का आग्रह इन परम्परागत उपचारकर्ताओं से किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक बालमुकुंद शर्मा, दिग्विजय कुमार सिंह, जिला समन्वयक कोण्डागांव सूरज सिंह, जिला समन्वयक कांकेर रोहतास सिंह राणा उपस्थित रहे।

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