सौर सुजला योजना से बदल रही प्रदेश के किसानों की तकदीर, भारी भरकम बिजली बिल से मिला छुटकारा
सौर सुजला योजना ने कांकेर जिले के हजारों किसानों को और उनके परिवारों को बिजली बिलों की चिंता से मुक्त कर दिया है. सोलर पम्प सूरज की रोशनी से चलता है, इसलिए किसानों को बिजली बिल जमा करने की चिंता नहीं होती है. इस योजना के तहत किसानों को लाखों रुपये कीमत के सोलर सिंचाई पम्प सिर्फ कुछ हजार रुपये में आसानी से मिल रही है. इन सोलर पम्पों से उन्हें बारहमासी सिंचाई सुविधा भी मिलने लगी है.
योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा तीन हॉर्सपावर और पांच हार्सपावर क्षमता वाले सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई पम्प किसानों को बेहद कम कीमत पर दिया जा रहा है. लगभग साढ़े तीन लाख रुपये की लागत के तीन एचपी क्षमता वाले पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को सात हजार रुपये में और अन्य पिछ़डा वर्ग के किसानों को बारह हजार रुपये के साथ सामान्य वर्ग के किसानों को अट्ठारह हजार रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए तीन हजार रुपये प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है. लगभग साढ़े चार लाख रुपये लागत के पांच हॉर्सपावर क्षमता वाले पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को दस हजार रुपये, पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15 हजार रुपये और सामान्य वर्ग के किसानों को 20 हजार रुपये में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन पम्पों के लिए चार हजार आठ सौ रुपये का प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित किया गया है. शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार वहन कर रही है. योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है.
विकासखण्ड चारामा अंतर्गत ग्राम तारसगांव के किसान सगनी बाई भास्कर ने बताया कि पहले उन्होंने अपने खेत में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन लागत ज्यादा होने के कारण खेत तक बिजली लाईन नहीं पहुंच पायी, जब उन्हें सौर सुजला योजना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत आवेदन दिया. जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा उनके खेत में मात्र दस हजार रुपये में तीन हॉर्सपावर का सोलर पंप स्थापित किया गया. इसके बाद से उनके दो एकड़ बंजर भूमि को सिंचाई सुविधा मिली. वे अब इसके 90 डिसमिल भूमि में लाख की खेती कर रहे हैं, जिसके उत्पादन से प्रतिवर्ष 01 लाख 50 हजार रुपये तक का मुनाफा हो रहा है, साथ ही साथ 50 डिसमिल भूमि में सिंचाई कर जिमी कंद, अदरक, बैगन इत्यादि की भी खेती कर रहे हैं, जिससे उनके आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है. सौर सुजला योजना के तहत् कम लागत में सोलर पम्प लगने से कृषक शगनी बाई बहुत खुश हैं.
सूरजपुर के 7,398 हितग्राहियों मिला लाभ
सौर सुजला योजनांतर्गत कृषकों को बेहतर सिंचाई आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सोलर सिचाई पम्पों की स्थापना वर्ष 2017-18 से किया जा रहा है. इस योजनांतर्गत सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिये 03 एच.पी. और 05 एच.पी. क्षमता के सौर सिंचाई पम्प की स्थापना में शासन द्वारा लगभग 95 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. वर्तमान में सूरजपुर जिला अंतर्गत कुल 7,398 हितग्राहियों के सौर सुजला योजनांतर्गत सिंचाई पंपों की स्थापना की गई है, हितग्राही इसका लाभ ले रहे हैं.
इस योजना अंतर्गत लाभार्थियों का चयन राज्य सरकार के कृषि विभाग और क्रेडा द्वारा किया जाता है. सौर सुजला योजना का मुख्य उद्देश्य रियायती दरों पर सिंचाई पम्प प्रदान कर कृषकों को सशक्त बनाना है. इस योजना से न केवल किसान अपनी भूमि पर खेती करने के लिए अधिक सक्षम होंगे, बल्कि इस योजना के तहत ग्रामीण छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण विकास को मजबूत बनाने में भी मदद मिल रही है. यह उन किसानो के लिये एक वरदान की तरह है, जो विद्युत कनेक्शन न होने के कारण सिंचाई से वंचित थे. इस योजना का लाभ उन कृषको को दिया जा रहा है जिनके पास जल स्त्रोंत जैसे-नदी, तलाब, कुआं और बोरवेल पहले से ही उपलब्ध है. इस योजना से लाभान्वित हितग्राही पहले एक ही फसल ले रहे थे, परंतु सोलर पंप स्थापना के बाद कृषक 02 से अधिक फसल एवं साग, सब्जियों का उत्पादन कर रहे है. जिससे उनके आय में निरंतर वृद्धि कर आर्थिक स्थिति मजबुत हुआ है. जिससे उनके जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है.