‘बॉर्डर पर मरने से ज्यादा बड़ा नशा कोई नहीं है…’, देशभक्ति का जोश बढ़ा देते हैं ये 23 डायलॉग्स

गणतंत्र दिवस की धूम पूरे देश में देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर एक दूसरे को आम लोग से लेकर सेलेब्स तक बधाई दे रहे हैं और आज के इस खास दिन का जश्न मना रहे हैं। वैसे जब भी देश का जिक्र होता है तो जोश अपने आप ही हाई हो जाता है।  कई बॉलीवुड फिल्मों में भी ऐसे दमदार डायलॉग्स देखने को मिले हैं, जिनसे देशभक्ति का जोश बढ़ जाता है। एक नजर ऐसे ही कुछ डायलॉग्स पर….

एक सोल्जर ये कभी नहीं पूछता कि देश ने उसके लिए क्या किया, बल्कि वो ये पूछता है कि वो देश के लिए क्या कर सकता है… जय हिंद। (पठान)

वतन के आगे कुछ नहीं, खुद भी नहीं। (राजी)

दू से कॉमेंट्री देना आसान होता है, दूसरों  को गाली देना और भी आसान होता है, अगर तुम्हें प्रॉबल्म है तो तुम बदलो देश को, यह देश तुम्हारा भी है। (रंग दे बसंती)

मैं अपने मुल्क को अपनी मां मानता हूं और अपनी मां को बचाने के लिए मुझे किसी की जरूरत नहीं। (सरफरोश)

रिलीजन वाले कॉलम में हम बोल्ड और कैपिटल में इंडियन लिखते हैं। (बेबी)

मुझे न स्टेट के नाम सुनाई देते हैं और न ही दिखाई देते हैं, सिर्फ एक मुल्क का नाम सुनाई देता है- इंडिया। (चक दे इंडिया)

तुम लोग यहां परिवार के साथ चैन से जियो.. इसलिए हम लोग रोज बॉर्डर पर मरते हैं। (हॉलीडे)

बॉर्डर पर मरने से ज्यादा बड़ा नशा कोई नहीं है। (शौर्य)

जंग में ऐसा ही होता है, कई बेकसूर मारे जाते हैं.. लेकिन जंग में सिवाय जंग के कुछ और मायने नहीं रखता (राजी)

हमारा हिस्दुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा। (गदर एक प्रेम कथा)

  तूम दूध मांगोगे, हमे खीर देंगे, तुम कश्मीर मांगोगे हम चीर देंगे। (मां तुझे सलाम)

  ये नए जमाने का हिंदुस्तान है, ये घर मे घुसेगा भी और मारेगा भी। (उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक)

अगर वे कहते हैं कि वे नाश्ता जैसलमेर में करेंगे और डिनर दिल्ली में… तो हम कहते हैं कि हम नाश्ता भी कराची में करेंगे और लंच भी। (बॉर्डर)

मर्द मरता नहीं है तो अपनी आंखें तिरंगे की तरफ करके मरता है और ये सोचता है की फिर से इस देश के लिए कब पैदा होऊं। (जो बोले सो निहाल)

  आज से तुम्हारी हर गोली पर देश के दुश्मन का नाम लिखा होगा। (बॉर्डर)

  जो देश के लिए जान देते हैं वो शहीद कहलाते हैं। जो देश के लिए जान लेते हैं, वो कातिल नहीं सोल्जर कहलाते हैं। (सोल्जर)

  बेचकर ईमान कमाई दौलत तो इंसान क्या। नमक खाया जिस वतन का, उसी का ना हुआ तो मुसलमान क्या! (तहलका)

  जिस देश में पैदा हुए हो तुम, उस देश के अगर तुम भक्त नहीं, नहीं पिया दूध मां का तुमने, और बाप का तुम में रक्त नहीं। (अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों)

  अब भी जिसका खून ना खौला, खून नहीं वो पानी है, जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है। (रंग दे बसंती)

  हम हाथ मिलाना भी जानते हैं, हाथ उखाड़ना भी,हम गांधीजी को भी पूजते हैं, चन्द्र शेखर आजाद को भी। मैं भी पहले प्यार से समझाता हूं, फिर हथियार से। (इन्डियन)

  मौत की मंडियों में जा-जाकर अपने बेटों की बोलियां दी हैं। देश ने जब भी एक सर मांगा हमने भर-भरके झोलियां दी हैं। (अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों)

  खून बहाना कोई बड़ी बात नहीं है, चाहें वो अपना हो या सामने वाले का, बड़ी बात तो ये है कि जिस्म से टपका हुआ एक बूंद खून, आने वाली नस्ल के सारे के सारे खून में उबाल ला सकता है कि नहीं। (द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह)

  हिंदुस्तानी जैसा भी हो, उसे दो चीजें बिल्कुल पंसद नहीं। एक है क्रिकेट में हार, दूसरा अपने देश पे वार।(कांटें)

  यह वीर शिवाजी, राणा प्रताप जैसे बहादुरों की सरजमीं है, जिसे भगत सिंह, आजाद, अशफाक उल्ला खां ने अपने खून से सींचा है। हमें कोई तोड़ नहीं सकता। हम हिंदुस्तानी एक हैं और एक ही रहेंगे, और देश के हर एक दुश्मन को मिलकर मारेंगे- (पुकार)

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