छत्तीसगढ़ : आरक्षण पर रार बरकरार: CM बघेल का राज्यपाल पर अटैक, कहा- क्वांटिफाइबल डाटा देना जरूरी नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 1 दिसंबर को गहमागहमी के बीच आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया, लेकिन अब आरक्षण विधेयक सवाल बनकर टकराव में तब्दील हो गया है. छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद गहराता जा रहा है. ऐसे में CM भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. राज्यपाल पर निशाना साधा है.
CM भूपेश बघेल ने कहा कि आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल को जल्द हस्ताक्षर करना चाहिए. राज्य के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. जितना जल्दी हो फैसला होना चाहिए. अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. क्वांटिफाइबल डाटा देना जरूरी नहीं है. अगर साइन नहीं करना है तो विधेयक वापस करना देना चाहिए.
बता दें कि राज्यपाल ने अब आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए मार्च की डेटलाइन तय की है. यहां विधानसभा में तीन दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक पास किया गया था. इसके बाद से राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए लटका हुआ है.
छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने लोकसेवा आरक्षण और शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया. सदन में चर्चा के पश्चात सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ.