इजरायल की नई बेंजामिन नेतन्याहू सरकार का 15 दिनों में ही क्यों हो रहा विरोध,सड़कों पर उतरे लोग
इजरायल में नव निर्वाचित प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नई सरकार को अभी 15 दिन भी नहीं हुए हैं लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नई सरकार की योजनाओं का विरोध करने के लिए हजारों इज़राइली नागरिक शनिवार की शाम सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेतन्याहू की नई सरकार की योजनाएं लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खतरा हैं।
देश के 74 साल के इतिहास में सबसे दक्षिणपंथी और धार्मिक रूढ़िवादियों की साझा सरकार के शपथ लेने के कुछ दिनों बाद ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी तेल अवीव की सड़कों पर उतर आए हैं। विरोध कर रहे लोगों के हाथों में कई तरह के नारे लिखी तख्तियां लहरा रही थीं।
एक तख्ती पर लिखा था, “समझौते की सरकार हमारे खिलाफ है।” एक अन्य बैनर पर लिखा था, “आवास, आजीविका, आशा।” कुछ प्रदर्शनकारियों ने इंद्रधनुषी झंडे थाम रखे थे। विरोध का नेतृत्व वामपंथी और इज़राइली संसद, केसेट के अरब सदस्य कर रहे थे। उनका तर्क है कि नए मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावित योजनाएँ न्यायिक प्रणाली में बाधा उत्पन्न करेंगी और सामाजिक खाई को और चौड़ा करेगी।
प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री यारिव लेविन की निंदा की है, जिन्होंने बुधवार को लंबे समय से प्रतीक्षित सर्वोच्च न्यायालय के पुनर्गठन से संबंधित कानून लागू किए हैं। माना जा रहा है कि नया कानून सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने के उद्देश्य से लाया गया है।
आलोचकों ने सरकार पर कानूनी प्रणाली के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नई सरकार की नई योजना इजरायल की निष्पक्ष जांच और संतुलन प्रणाली को कमजोर करेगी और नए शासकीय गठबंधन पूर्ण शक्ति हासिल कर लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करेगी।
तेल अवीव के दक्षिण में यवेन के प्रदर्शनकारी 77 वर्षीय डैनी साइमन ने कहा, “हमें वास्तव में इस बात का डर सता रहा है कि हमारे देश का लोकतंत्र खोने जा रहा है और ऐसा सिर्फ एक व्यक्ति के कारण तानाशाही विचार के कारण होने जा रहा है जो खुद को कानूनी जांच और कार्रवाई से निजात दिलाना चाहता है।”
दरअसल, 77 वर्षीय डैनी प्रधानमंत्री नेतन्याहू का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें 2021 में भ्रष्टाचार के आरोपों में आरोपित किया गया था। हालांकि, नेतन्याहू ने उन आरोपों से इनकार किया है। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान देश के यहूदियों और अरब निवासियों के बीच शांति और सह-अस्तित्व का भी आह्वान किया है।