मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण हुई कथित मानहानि के मामले में झारखंड की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की वह याचिका ख़ारिज की

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण हुई कथित मानहानि के मामले में झारखंड की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की वह याचिका ख़ारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट माँगी थी. राँची के एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 205 के तहत आवेदन देकर यह छूट चाही थी, जिसे अनामिका किस्कू की विशेष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.

अब 23 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी. अपर लोक अभियोजक पुष्पा सिन्हा ने मीडिया को यह जानकारी दी.सूरत की एक अदालत द्वारा ऐसे ही एक मामले में सज़ा मुक़र्रर होने के बाद अपनी सांसदी गंवा चुके राहुल गांधी की मुश्किलें इस ताजा फ़ैसले से फिर बढ़ सकती हैं. उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेशी के लिए झारखंड आना पड़ सकता है.

करीब चार साल पुराने इस मामले में राज्य सरकार की पैरवी अपर लोक अभियोजक पुष्पा सिन्हा ने की और राहुल गांधी का पक्ष अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने रखा.

क्या है मामला?

दरअसल, साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राँची की एक जनसभा में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. इसे आपत्तिजनक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने उनके खिलाफ राँची सिविल कोर्ट में 20 करोड़ रुपये की मानहानि का एक मामला दर्ज कराया था.

इस मामले की सुनवाई करते हुए सिविल कोर्ट ने उन्हें समन जारी कर पेश होने के लिए कहा था. राहुल गांधी सिविल कोर्ट के उस आदेश के ख़िलाफ़ झारखंड हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई पर कुछ महीनों के लिए रोक लगा दी थी. इसकी समयावधि ख़त्म होने पर राँची के एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसकी सुनवाई फिर से प्रारंभ की थी.

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