भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे उमर : पूर्व सीएम ने रायपुर में कहा-देश को जोड़ने के लिए तोड़ने वाली कोशिशों को हराना होगा

रायपुर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब कश्मीर पहुंचेगी, तो उमर अब्दुल्ला उसमें शामिल होंगे। मेरी उम्र का तकाज़ा है, वरना मैं भी पैदल चलता। देश को जोड़ने के लिए तोड़ने वाली कोशिशों को हराना होगा। भारत जोड़ो यात्रा की भावना से देश जुड़ेगा।

शैलेंद्र नगर में एक निजी कार्यक्रम पहुंचे फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में अभी जो पॉलिटिकल मूवमेंट चल रहे हैं, उस पर सभी को मिलकर गौर करना चाहिए। लोगों के दिलों में नफरत नहीं भरना चाहिए। इससे देश का विकास नहीं हो सकता। पाकिस्तान में बिलावल भुट्‌टों के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद हैं। उन्होंने इसका जवाब दे दिया है।

आपको उनसे जवाब पूछना चाहिए। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और कश्मीर के आतंकवाद को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कश्मीर में बाहरी आतंकवाद है और जहां तक मुझे जानकारी है, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद जल, जंगल, जमीन को लेकर है। ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन कुछ बात दोनों में समान है। दोनों जगह जान जा रही है, दोनों जगह लोग दहशत में हैं, दोनों जगह शांति की जरूरत है और दोनों जगह इसका हल सिर्फ बातचीत से हो सकता है।

चीन को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार इससे पीछे हट रही है। संसद में सरकार बहस नहीं कराना चाहती। हम तो सवाल पूछना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के बनाए कानून पर उन्होंने कहा कि वे हर दिन नए कानून बनाते हैं, किन कानूनों को याद रखें, ये भी मुश्किल हो गया है। कश्मीर चुनाव में महागठबंधन की बात पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि पहले वहां चुनाव तो कराएं, अभी तो इसके आसार भी नहीं दिख रहे।

‘शिव-शफी सिर्फ दो नाम नहीं, ये मुल्क का असली चेहरा’

बता दें शिव और शफ़ी की दोस्ती की कहानी से प्रभावित होकर ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला रायपुर पहुंचे थे। यहां आने के बाद उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बात की। वो जिस सोच के साथ यहां आए हैं, वो उन्हीं के शब्दों में…

“ मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसे भी कभी रायपुर आऊंगा, लेकिन मेरे ज़ेहन ने मेरे दिल में कभी इतनी दस्तक नहीं दी, जितनी इस बार, कि तुम्हें रायपुर जाना ही है। दरअसल, शिव और शफ़ी सिर्फ दो नाम नहीं हैं। ये इस मुल्क का असली चेहरा है। दरअसल, यही मुल्क है। ये दोस्ती ही तरक्की का रास्ता है। आज जो माहौल है, उसमें हज़ारों शिव और शफ़ी की ज़रूरत है। इस मोहब्बत ने मुझे इतना हैरान किया, दिल को इतना छुआ कि मैंने ठान लिया था, संसद सत्र छोड़कर भी मैं रायपुर जाऊंगा। आपके अखबार का मैं शुक्रिया अदा करता हूं, जो कड़वाहट नहीं भर रहा, बल्कि मीठी सी दोस्ती से लोगों के दिलों को छूने और जोड़ने का काम कर रहा है।

सच्चाई है, कि आज हालात बहुत अलग हैं। कश्मीर में लोग मर रहे हैं, वो चाहे हिन्दू हों या मुसलमान हों। इससे किसी को क्या मिलेगा। सरहद के उस पार के लोगों को भी सोचना होगा। ये दोस्ती खोजनी होगी। कहीं न कहीं, वहां कोई शफ़ी होगा, कहीं न कहीं यहां कोई शिव होगा। कल जब मैंने अपने बेटे उमर को बताया कि मैं रायपुर जा रहा हूं, तो वो भी चौंक गया। पूछा- “आप रायपुर क्यों जा रहे हो?” मैंने कहा-“मोहब्बत का पैगाम देने का एक मौका मिला है। मैं इसे गंवाना नहीं चाहता। अगर मैं चूक गया तो एक बड़ा मौका मेरे हाथ से निकल जाएगा कि मैंने अपना फर्ज़ नहीं निभाया। मैंने बेटे को इन दोनों की कहानी बताई, तो उसने कहा, आपको जाना ही चाहिए।”

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