शिशु रोग विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. कमलेश विश्वकर्मा सस्पेंड, अस्पताल अधीक्षक भी हटाए गए

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में चार नवजात बच्चों की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उस रात ड्यूटी से गायब रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश प्रसाद विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है। वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ. लखन सिंह को भी हटा दिया गया है।

अंबिकापुर स्थित राजमाता देवेन्द्रकुमारी सिंहदेव चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल के SNCU-स्पेशल न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर यूनिट में पांच दिसम्बर को चार नवजात बच्चों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले की जांच का निर्देश दिया था। उसकी रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। उसके बाद मंगलवार शाम को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अस्पताल के शिशु रोग विभाग के सीनियर रेजिडेंट (शिशु रोग विशेषज्ञ) डॉ. कमलेश प्रसाद विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया। विभाग के मुताबिक डॉ. विश्वकर्मा घटना की रात शिशु रोग विभाग में गंभीर अवस्था में नवजातों की भर्ती के बावजूद नाइट ड्यूटी के दौरान उपस्थित नहीं थे।

उन्होंने अस्पताल में भर्ती बच्चों के इलाज के लिए कोई ठोस पहल नहीं की। उनकी इस लापरवाही के कारण अस्पताल में भर्ती बच्चों की मौत हुई। उनकी लापरवाही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-3 का स्पष्ट उल्लंघन है। विभाग ने डॉ. कमलेश प्रसाद विश्वकर्मा को पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों का तत्परतापूर्वक निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाकर निलंबित किया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय सूरजपुर के सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय को निर्धारित किया गया है। उन्हें निलंबन काल में जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

डॉ. आर.सी. आर्या अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नये अधीक्षक

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अंबिकापुर चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह को भी हटा दिया है। अब पैथोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ. आर.सी. आर्या को नया अस्पताल अधीक्षक बनाया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री और सचिव भी पहुंचे थे मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद हंगामा हो गया था। परिजनों का कहना था, उस रात अस्पताल में बिजली चली गई थी। उसके बाद बच्चों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। बाद में विशेषज्ञों की एक टीम को रायपुर से वहां भेजा गया। उस टीम ने SNCU की जांच के बाद रिपोर्ट दी। स्वास्थ्य मंत्री ने उसी दिन कह दिया था कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसको निलंबित किया जाएगा।

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