24 करोड़ के बजट में आधा भी खर्च नहीं

छत्तीसगढ़ में युवाओं को हुनर देने के बाद नौकरी या रोजगार के लायक बनाने के लिए चल रही कौशल विकास योजना अपने उद्देश्य से काफी पीछे चली गई है। भास्कर की पड़ताल में खुलासा हुआ कि राज्य बनने के बाद से अब तक इस योजना में 4 लाख 69 हजार 272 युवाओं को ट्रेनिंग दी गई और प्रमाणपत्र भी मिल गया। लेकिन इनमें आधे से ज्यादा खाली हैं। उन्हें न कहीं नौकरी मिली है और न रोजगार शुरू हुआ है। सिर्फ एक साल यानी जनवरी से दिसंबर 2022 में ट्रेनिंग ले चुके 50 हजार युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य था, लेकिन यह आंकड़ा 10 हजार पर भी नहीं पहुंचा है।

ट्रेनिंग तो दी गई, लेकिन नौकरी नहीं

यही नहीं, ट्रेनिंग और युवाओं को तैयार करने के लिए विभाग को 2021-22 में 18 करोड़ रुपए का बजट था, लेकिन 11 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके। कौशल विकास योजना में युवाओं को किसी भी हुनर या नौकरी के लायक ट्रेनिंग तो दे दी जाती है, लेकिन नौकरी या रोजगार जमा या नहीं, इसके फाॅलोअप का कोई सिस्टम ही नहीं है। जो संस्था ट्रेनिंग देती है, रोजगार दिलाना उसी का जिम्मा है। लेकिन ये निजी एजेंसियां ट्रेनिंग देने के बाद अपना बिल शासन से क्लीयर कर लेते हैं और मामला खत्म। इसका नतीजा ये हुआ है कि युवाओं को भरोसा तेजी से कम हुआ है।

अफसरों ने इस तथ्य की भी अनदेखी की है कि युवाओं को नौकरी देने के लिए जिलों में लगाने जाने वाले प्लेसमेंट कैंप हर साल कम हो रहे हैं। हो रहे हैं तो नौकरियां बहुत कम मिल रही हैं। भास्कर के इन्वेस्टिगेशन के अनुसार 2017 में 294 प्लेसमेंट कैंप लगाए गए थ। इसमें 6287 लोगों को नौकरी मिली थी। इसी तरह 2018 में 421 कैंप लगाए गए जिसमें 8284 युवाओं ने नौकरी पाई। लेकिन इसके बाद से गिरावट है। 2019 में 391 कैंप लगे थे, जिसमें 6055 नौकरियां दी गईं, जोकि कम हैं। इसके बाद कैंप भी कम होते गए।

2020 में 187 कैंप ही हुए जिसमें 2952 को नौकरी मिली। 2021 में कैंप और घटकर 175 ही रह गए और इनसे केवल 2236 युवाओं को ही नौकरी मिल पाई। दिसंबर 2022 में एक साथ 50 हजार से ज्यादा नौकरियां देने के लिए कैंप लगाया गया, लेकिन सरकारी एजेंसियां हैरान हैं क्योंकि इतनी नौकरियों के लिए आवेदन करने वालों की संख्या ही 8000 के पार नहीं हो पाई।

युवाओं का कहना है कि ऐसे कैंप में जो नौकरियां दी जा रही हैं, उनमें सैलरी इतनी कम है कि नौकरी लेने में ही रुचि खत्म हो रही है। 2021-22 में विभाग के ओर से 18920 युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार देने के लिए कहा गया था, लेकिन 674 युवाओं को ही ट्रेनिंग दी जा सकी। इसमें भी 300 लोगों को ही नौकरी मिली।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button