भाजपा प्रत्याशी के नामांकन को चुनौती
कांग्रेस ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम के नामांकन को निर्वाचन आयोग में चुनौती दे दी है। सोमवार को सुबह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कांकेर में निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायत की। इसमें चुनावी शपथपत्र में दुष्कर्म के अपराध के छुपाने के आधार पर भाजपा उम्मीदवार का नामांकन खारिज करने की मांग की गई है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सोमवार को सुबह कांकेर पहुंचे। यहां उन्होंने भानुप्रतापपुर उपचुनाव के निर्वाचन अधिकारी सुमित अग्रवाल को लिखित शिकायत पेश की। उनका कहना था कि भाजपा से उम्मीदवार बनाए गए ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ झारखंड में सामूहिक दुष्कर्म, पॉक्सो और अनैतिक देह व्यापार निषेध कानूनों के तहत मामला दर्ज है। नामांकन के समय दिये गये शपथपत्र में नेताम ने इस मामले की जानकारी नहीं दी है। यह लोक प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है।
कांग्रेस अध्यक्ष मोकन मरकाम ने कहा, सूचना छिपाने की वजह से ब्रह्मानंद नेताम का नामांकन खारिज किया जाये। मोहन मरकाम ने बाद में कांकेर के पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात कर इस मामले में कार्रवाई के लिए एक ज्ञापन सौंपा है। इधर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, रायपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शिव सिंह ठाकुर सहित कई पदाधिकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे। उन लोगों ने भी झूठा शपथपत्र देने के आधार पर भाजपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने की मांग की है। बताया जा रहा है निर्वाचन आयोग ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने रविवार शाम को भाजपा उम्मीदवार पर गंभीर आरोप लगाकर बवाल खड़ा कर दिया। उनके आरोपों के मुताबिक 15 मई 2019 को झारखंड के जमशेदपुर में एक एफआईआर दर्ज हुई। इसमें एक 15 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और जबरन देह व्यापार में धकेलने का अपराध दर्ज था। मामले में पांच लोग नामजद आरोपी बनाए गए थे। पुलिस ने विवेचना शुरू की तो छत्तीसगढ़ के दो लोगों को गिरफ्तार किया। उसके बाद जो चालान पेश हुआ उसमेें चारामा निवासी पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम का नाम भी शामिल है। मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच अब भी जारी है।
आरोपों की सफाई में भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम ने रविवार को कहा था कि कांग्रेस यह आरोप हताशा में लगा रही है। सच यह है कि वे कभी जमशेदपुर में गए ही नहीं है। ऐसे में वहां अपराध करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। इधर कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है, पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक झारखंड की उस बच्ची के साथ अपराध जमशेदपुर में नहीं बल्कि रायपुर में हुआ है। इस मामले में यहां से दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस मामले में रायपुर के सिपाही को निलंबित किया गया है। एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने रविवार रात एक आदेश जारी कर आरक्षक केशवराम सिन्हा को निलंबित कर दिया। यह सिपाही रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर थाने में पदस्थ था। निलंबन आदेश के मुताबिक झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि के टेल्को थाने में दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म और अनैतिक देह व्यापार के मामले की एफआईआर में आरक्षक की संलिप्तता की जानकारी सामने आई है। नाबालिग पीड़िता के साथ घटित अपराध की अत्यंत गंभीर धाराओं के आरोपी आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।