15-20 करोड़ के बजट वाली कांतारा ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया बवाल

अभिनेता व निर्देशक ऋषभ शेट्टी और सप्तमी गौड़ा स्टारर ‘कांतारा’ ऐसी फिल्म साबित हुई है, जिसके लिए शायद किसी ने सोचा नहीं होगा कि ये फिल्म बड़ा धमाका करेगी, लेकिन सच है कि अगर फिल्म अच्छी है तो उसे सुपरहिट होने से कोई नहीं रोक सकता है। कन्नड़ फिल्म कांतारा को एक ओर जहां क्रिटिक्स ने खूब पसंद किया तो दूसरी ओर फिल्म को दर्शकों ने प्यार दिया और बेहतरीन माउथ पब्लिसिटी के बाद फिल्म ताबड़तोड़ कलेक्शन कर रही है। करीब 15-20 करोड़ रुपये के बजट वाली फिल्म कांतारा के कलेक्शन पर मेकर्स को भी यकीन नहीं हो रहा है।

हिंदी पट्टी में 50 करोड़ के पार हुई कांतारा
बता दें कि कांतारा एक कन्नड़ फिल्म है, जिसका हिंदी डब वर्जन 14 अक्टूबर को रिलीज हुआ था। फिल्म ने करीब 3 हफ्ते में सिर्फ हिंदी ऑडियंस से ही 50 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म ने वर्ल्डवाइड करीब 275 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। वैसे तो कई फिल्मों ने वर्ल्डवाइड इससे अधिक कलेक्शन किया है, लेकिन जो बात कांतारा को अलग बनाती है, वो है इसका बजट। कांतारा का बजट करीब 15 से 20 करोड़ रुपये है।

क्या है कांतारा की कहानी
दक्षिण कन्नड़ के काल्पनिक गांव में स्थापित, ‘कांतारा’ एक विज़ुअल ट्रीट है, जो कंबाला और भूत कोला कला की पारंपरिक संस्कृति को जीवंत करती है। फ़िल्म की कहानी मानव और प्रकृति के संघर्ष पर आधारित है, जो कर्नाटक की तटीय संस्कृति और लोककथाओं में गहराई से निहित है। कंटारा की रिलीज पर बोलते हुए, निर्माता विजय किरागंदूर ने कहा, “कंटारा केजीएफ से एक अलग शैली में है।  हम चाहते थे कि दुनिया हमारी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान देखे जिस पर हमें गर्व है।  फिल्म पवित्र रीति-रिवाजों और परंपराओं, छिपे हुए खजाने और तटीय कर्नाटक के विशिष्ट बीहड़, आकर्षक परिदृश्य की पृष्ठभूमि के साथ पीढ़ीगत रहस्यों को दर्शाती है।’

क्यों खास है कांतारा
फिल्म के बारे में बात करने से पहले इसके नाम की बात करते हैं। ‘कांतारा’ के मूल में शब्द कांतार है, जिसका मतलब होता है घना, रहस्यमयी जंगल। कांतारा एक जंगर और उसके आस पास रहने वाले कुछ लोगों की कहानी है। फिल्म में एक देवता है, जिसका नाम पंजुरली है। जंगली सुअर के रूप वाले इस देवता की भी अपनी कहानी है, जो फिल्म में दिखाई है। फिल्म कांतारा की सबसे खास बात ये है कि इसे भूत कोला परंपरा से जोड़कर दिखाया गया है। जब भी कोई फिल्म किसी परंपरा से जुड़ जाती है तो अपने आप ही इसके देखने वाले दर्शकों के बीच उसको लेकर रुचि बढ़ जाती है। हालांकि ऐसा करना से विवाद के भी मौके बढ़ जाते हैं, लेकिन कांतारा के साथ ऐसा कुछ नहीं है। कांतारा में वो सब कुछ है, जो इसे एक परफेक्ट फैमिली एंटरटेनर बनाती है। फिल्म आपको हंसाती भी है, रुलाती भी है और डराती भी है।  

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