छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ जवान नूर हुसैन का अंतिम संस्कार

यमुनानगर : छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ जवान नूर हुसैन का अंतिम संस्कार यमुनानगर में किया गया। शहीद नूर हुसैन के पास दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी की उन्होंने शादी कर दी है। जबकि बेटा मोईन 14 वर्ष का है। जो इस समय 12वीं में पढ़ रहा है। वर्ष 1996 में वह सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। इस समय उनकी ड्यूटी छत्तीसगढ़ के डीजापुर में थी। वहीं पर नक्सली हमले में गोली लगने से वह बलिदान हो गए।

शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद मौलाना मोहम्मद नसीम ने गुसल की रस्म अदा करवाई

शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही उनकी मां शरीफन, पत्नी बलकीशा, बेटी मनीषा, बहनें सवाली, रोशनी, गलतान और बेटे मोइन की चित्कार से माहौल और अधिक गमगीन हो गया। ग्रामीणों द्वारा शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद मौलाना मोहम्मद नसीम ने गुसल की रस्म अदा करवाई।

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