अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट के बाद देश में तेल का आयात भी बहुत ज्यादा बढ़ा…….घटेंगे खाने के तेल के दाम!
भारत में खाने के तेल की कीमतों लगभग एक साल से लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसी बीच ये खबर सामने आ रही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट के बाद देश में तेल का आयात भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी कीमतों में बहुत जल्द कमी आ सकती है। जानकारी के मुताबिक जुलाई महीने के मुकाबले अगस्त 2022 में पाम तेल के आयात में लगभग 87 फीसदी का उछाल आया है। जो पिछले 11 महीनों में सर्वाधिक है।
भारत दुनिया के बड़े पाम ऑयल के आयातक देशों में शामिल है। इससे जहां देश में खाने के तेल में कमी लाने में मदद मिलेगी। वहीं सबसे बड़े उत्पादक देश इंडोनेशिया को इंवेंटरी घटाने में मदद मिलेगी। अगस्त में भारत ने जुलाई के 530,420 टन के मुकाबले 994,997 टन पाम ऑयल का आयात किया है। माना जा रहा है कि सितंबर में भारत 10 लाख टन पाम ऑयल का आयात कर सकता है।
सरकार ने पाम ऑयल के आयात को 5.5 फीसदी टैक्स लगा रखा है। वहीं सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल के आयात को मौजूदा और अगले साल के लिए ड्यूटी फ्री कर दिया है। भारत दुनिया के बड़े पाम ऑयल के आयातक देशों में शामिल है। इससे जहां देश में खाने के तेल में कमी लाने में मदद मिलेगी। वहीं सबसे बड़े उत्पादक देश इंडोनेशिया को इंवेंटरी घटाने में मदद मिलेगी। अगस्त में भारत ने जुलाई के 530,420 टन के मुकाबले 994,997 टन पाम ऑयल का आयात किया है। माना जा रहा है कि सितंबर में भारत 10 लाख टन पाम ऑयल का आयात कर सकता है।
बाकी खाने के तेल के मुकाबले पाम ऑयल सस्ते में उपलब्ध है इसलिए कंपनियों ने आक्रामक तरीके से पाम ऑयल का आयात किया है। वहीं भारत में फेस्टिव सीजन दस्तक आने वाला है। तो साथ में शादियों का सीजन भी आने वाला है। ऐसे में पाम ऑयल की मांग में तेजी देखी जा सकती है।