उत्तराखंड में 50 परीक्षाएं करवा चुकी है लखनऊ की कंपनी
देहरादून. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार राजेश चौहान की कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन उत्तराखंड के विभिन्न विभागों की 50 से अधिक परीक्षाएं करवा चुकी है। खुद इस कंपनी के मालिक की संलिप्तता से अब सभी परीक्षाओं पर संदेह खड़ा हो गया है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह के मुताबिक, लखनऊ में यह कंपनी सितंबर 2010 में अस्तित्व में आई थी, जो 2015-16 से उत्तराखंड में सेवाएं दे रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, एचएनबी मेडिकल विवि से लेकर पंतनगर विवि भी भर्ती परीक्षाओं के साथ-साथ दूसरे कामों के लिए इसी कंपनी की सेवाएं लेते रहे। राजेश चौहान की प्रिंटिंग प्रेस में ही कई परीक्षाओं के पेपर तैयार किए गए। सिंह ने बताया कि इस कंपनी ने अब तक 50 से अधिक परीक्षाओं के लिए विभिन्न स्तरों पर सेवाएं दी हैं। मेडिकल विवि की काउंसलिंग जैसे संवेदनशील काम भी यही कंपनी कराती है।
मालिक और कर्मचारी के अलग-अलग गैंग
- इस प्रकरण में अब तक आरएमएस कंपनी के मालिक समेत चार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। मजे की बात यह है कि कंपनी मालिक और कर्मचारी पेपर लीक के अलग अलग गैंग चला रहे थे। एसटीएफ के मुताबिक, राजेश चौहान जहां धामपुर निवासी केंद्रपाल के जरिए गैंग चला रहा था। कर्मचारी अभिषेक वर्मा भी स्वतंत्र रूप से पेपर आउट कर गैंग संचालित कर रहा था। इसी कंपनी का कर्मचारी प्रदीप पाल सचिवालय रक्षक का पेपर लीक करने में धरा गया। इससे साफ है कि परीक्षाओं के पेपर हलवा प्रसाद की तरह बंटते रहे। आयोग के अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
मालिक की गिरफ्तारी होते ही ऑफिस से भागे कर्मी
- उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक मामले में आरएमएस कंपनी के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी होते ही लखनऊ स्थित दफ्तर में सारे कर्मचारी भाग निकले। इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर आदर्श कॉम्प्लेक्स में आरएमएस कंपनी में सिर्फ गार्ड और दो-तीन कर्मचारी ही दिखे। ये लोग अंदर से ताला डाले हुए थे और किसी से बात नहीं कर रहे थे। इस तीन मंजिला कॉम्प्लेक्स में 100 से अधिक दुकानें है। यहां के लोगों ने बताया कि आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी नाम के इस ऑफिस में हर समय काफी चहल पहल रहती थी।