विजय कुमार सिन्हा ने छोड़ा स्पीकर पद, नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट

बिहार में हाई वॉल्टेज ड्रामा हो रही है। नीतीश कुमार सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करना है। इससे पहले प्रदेश में 24 स्थानों पर सीबीआई छापे मारे गए। नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू यादव की पार्टी के 6 बड़े नेताओं पर कार्रवाई की गई। इसी गहमागहमी के बीच विधानसभा का सत्र शुरू हुआ। सभी की नजर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर थी, जिन्होंने पद छोड़ने से इन्कार कर दिया था। सदन की कार्यवायी शुरू होने पर सबसे पहले स्पीकर ने अपनी बात रखी और आखिरी में इस्तीफे का ऐलान कर दिया। अब नए स्पीकर का चुनाव होगा। तब तक नरेंद्र नारायण यादव कार्यवायी संचालित करेंगे।

विश्वास मत पेश करेगी नीतीश सरकार

विधानसभा में अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद अब दूसरा महत्वपूर्ण काम नीतीश कुमार की नई सरकार को विश्वास मत प्राप्त करने का होगा। सरकार सदन में विश्वास मत पेश करेगी। इसमें संदेह नहीं कि सरकार विश्वास मत प्राप्त करने में सफल होगी। सत्ता पक्ष के पास 164 सदस्यों का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास भाजपा के सिर्फ 76 सदस्य हैं। सदन की सुरक्षा चाक-चौबंद की गई है।

आखिरकार विजय कुमार सिन्हा ने छोड़ा स्पीकर पद

सदन की कार्रवाई के शुरू में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने अपनी बात रखी। उन्होंने स्वयं के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अपना रुख स्पष्ट किया। यह पहला मौका है जब सत्ता पक्ष की ओर से स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। विजय कुमार सिन्हा ने पहले तो इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि 9 विधायकों ने मुझे हटाने के लिए चिट्ठी लिखी है, लेकिन इनमें से 8 नियमानुसार गलत है। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया और बताया कि 20 माह के अपने कार्यकाल में उन्होंने सभी सदस्यों को साथ लेकर चलने का काम किया है। आखिरी में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

नीतीश कुमार Vs विजय कुमार सिन्हा

बिहार में एक बार फिर पाला बदलने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को शक्ति परीक्षण का सामना करेंगे। हालांकि नंबर गेम को देखते हुए उनकी सरकार को कोई मुश्किल नहीं होगी, लेकिन सभी की नजर भाजपा कोटे के विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर होगी। नीतीश कुमार और विजय कुमार सिन्हा के संबंध बहुत अच्चे नहीं रहे हैं और दोनों के बीच सदन में बहस का वीडियो भी सामने आया था। महागठबंधन सरकार के विश्वास मत का सामना करने से एक दिन पहले विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे और बुधवार के सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

बता दें, विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ लालू यादव की पार्टी RJD ने 9 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव दिया था। यह पहले से साफ था कि विश्वास मत होने के तुरंत बाद सिन्हा इस्तीफा दे सकते हैं। सिन्हा द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने की संभावना नहीं थी, क्योंकि 243 सदस्यीय सदन में महागठबंधन को 164 विधायकों का समर्थन हासिल है।

naidunia

आठवीं बार सीएम बने हैं नीतीश कुमार, 164 विधायकों का समर्थन

इस महीने की शुरुआत में नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था और एक बार फिर राजेडी व कांग्रेस वाले महागठबंधन में चले गए थे। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।

इसके बाद नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में 24 अगस्त को फ्लोर टेस्ट आयोजित करने और राज्य विधानसभा बुलाने के लिए उपयुक्त सिफारिश करने का निर्णय हुआ था। इसके तुरंत बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जनता दल विधायकों को मंत्रीपद दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button