उत्तर बस्तर कांकेर : हाट-बाजार क्लिीनिक योजना बना ग्रामीणों के लिए वरदान

जून 2019 से फरवरी माह के प्रथम सप्ताह तक

01 लाख 66 हजार से अधिक मरीजों का उपचार

उत्तर बस्तर कांकेर 10 फरवरी 2022: प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आदिवासी अंचलों में ग्रामीणों के बीच हाट-बाजार के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिीनिक योजना की शुरूआत किया गया है। कांकेर जिले के हाट-बाजारों में भी इस योजना अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर संक्रामक एवं गैर संक्रामक रोगों का निःशुल्क ईलाज किया जा रहा है एवं मरीजों को निःशुल्क दवाईयां दी जा रही है, साथ ही आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया जा रहा है।

जिले में जून 2019 से फरवरी माह के प्रथम सप्ताह 2022 तक 01 लाख 66 हजार 642 मरीजों का निःशल्क उपचार किया जा चुका है तथा हाट-बाजारों में आयोजित शिविरों में ग्रामीणो को लगातार निःशुल्क ईलाज की सुविधा मिल रही है। आदिवासी अंचलों में हाट बाजार की अपनी एक विशेष पहचान है। हाट-बाजारों में दूर-दूर से ग्रामीण आकर अपने दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले सामग्रियों की खरीदी-बिक्री करते हैं और आपस में मिलकर अपना सुख-दुख बांटते हैं। हाट-बाजारों में ग्रामीणों की उपस्थिति को देखते हुए राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना शुरू किया गया है, जिसका फायदा ग्रामीणों को मिलने लगा है।

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिीनिक योजना के तहत कांकेर जिले के 192 हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर ग्रामीणों को सर्दी, खांसी, बुखार, शुगर, ब्लड प्रेशर, टीबी, मधुमेह, मलेरिया जांच, गर्भवती महिलाओं की जांच, नेत्र विकार सहित मौसमी बीमारियों का निःशुल्क उपचार एवं चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। जिले के अंतागढ़ विकासखण्ड के 26 हाट-बाजार में 17 हजार 491 मरीज, नरहरपुर में 40 हाट-बाजारों में 26 हजार 919, चारामा विकासखण्ड के 34 हाट-बाजारों में 35 हजार 862,

भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के 20 हाट-बाजार में 21 हजार 134, दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के 20 हाट-बाजारों में 23 हजार 791, कांकेर विकासखण्ड के 25 हाट-बाजारों में 22 हजार 436 और कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के 27 हाट-बाजारों में 19 हजार 09 मरीजों का उपचार एवं परामर्श दिया जाकर निःशुल्क दवाईयां दी गई है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना में उपचार के दौरान गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज पाये जाने की स्थिति में ऐसे मरीजों को उपचार के लिए हायर सेंटर को रिफर किया जाता है।

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