वन मंत्री अकबर ने कबीरधाम जिले के पहले “कृष्ण कुंज“ का किया लोकार्पण

मानव जीवन के सांस्कृतिक महत्व को आगे बढ़ाएगा ’’कृष्ण कुंज’’- श्री अकबर

रायपुर,

 कबीरधाम जिले पहले

भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ’कृष्ण कुंज’ योजना के तहत कबीरधाम जिले के कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र में जिले का पहला कृष्ण कुंज का वर्चुअल लोकार्पण प्रदेश के वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर द्वारा किया गया। मंत्री श्री अकबर ने इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मंत्री श्री अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित किए जा रहे है। जन्माष्टमी के अवसर पर कवर्धा के समनापुर मार्ग के कृष्ण कुंज में पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर, नगर पालिका अध्यक्ष श्री ऋषि शर्मा, क्रेडा सदस्य श्री कन्हैया अग्रवाल, कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा सांस्कृतिक महत्व के पौधे जैसे चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू, चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के पौधो का रोपण किया गया। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि कवर्धा सहित जिले के पांच नगरीय निकाय सहसपुर लोहारा, पंडरिया, बोड़ला और पाण्डातराई में भी इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत कृष्ण कुंज विकसित किए जा रहे है। वर्चुअल लोकार्पण अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, अपर कलेक्टर श्री बी.एस. उइके सहित पार्षद श्री अशोक सिंह, श्री नरेन्द्र देवांगन, श्री सुनील साहू, श्रीमती सुशीला धुर्वे, श्री संजय लांझी, एल्डरमेन श्री दलजीत पाहुजा, श्री कौशल कौशिक सहित कवर्धा शहर के गणमान्य नागरिक, वन विभाग, नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री अकबर ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ’कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है। उन्होंने ने कहा कि सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है। जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी।
मंत्री श्री अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप राज्य के सभी चिन्हांकित 162 नगरीय निकायों में वन विभाग के माध्यम से आज भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण कुंज एक साथ विकसित किए जा रहे है। राज्य शासन द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को विशेष ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में 2 करोड़ 20 लाख पौधो का रोपण किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि पौधा तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत जहां से भी पौधो की मांग आ रही है उसके आधार पर वन विभाग द्वारा घर तक पहुंचाकर उनको पौधा देकर पौधारोपण के प्रति प्रेरित किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम संचालित है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों के दोनों तरफ जहां-जहां स्थान उपलब्ध है वहां 100 मीटर तक की चौड़ाई में पौधारोपण किया जाएगा।
इस अवसर पर पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में आज प्रदेश में ’कृष्ण कुंज’ का लोकार्पण हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य हरियर छत्तीसगढ़, स्वस्थ छत्तीसगढ़ और पर्यावरण से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ है। उन्होंने बताया कि ’कृष्ण कुंज’ के माध्यम से हमारा छत्तीसगढ़ राज्य हरियर और स्वस्थ बनेगा।
नगर पालिका अध्यक्ष श्री ऋषि शर्मा ने शहर के गणमान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ’कृष्ण कुंज’ की सौगात देकर हम सभी नगरवासियों को बहुत ही गौरवान्वित महसुस किए है। उन्होंने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदंब जो पर्यावरण की संतुलन बनाएं रखता है और हमे भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है। साथ ही धार्मिक महत्व के पौधा आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के पौधो का रोपण आज किया गया है।

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