RJD और BJP के बीच खेल रहे नीतीश का CCD फॉर्मूला, करप्शन-कम्युनलिज्म के बीच मास्टरस्ट्रोक है तीसरा
महात्मा बुद्ध ने एक बार अपने अनुयायिकों को सांसारिक जीवन और संन्यास के बीच मध्यम मार्ग सुझाया था जिससे सांसारिक जीवन में रहते हुए वो मुक्ति पा सकें। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी इसी तरह के एक मध्यम मार्ग का चुनाव किया हुआ है और वो सफलतापूर्वक आठवीं बार बिहार के सीएम बनने जा रहे हैं। इसी मध्यम मार्ग का नाम है विकास जिसके सहारे नीतीश कुमार राजनीति के परम आनंद को आठवीं बार प्राप्त करने जा रहे हैं।
इसको थोड़ा विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं। राजनीति में आने के बाद नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वो दो चीजों से कभी समझौता नहीं करेंगे। पहला करप्शन यानी भ्रष्टाचार और दूसरा कम्युनलिज्म यानी सांप्रदायिक्ता। अब से संयोग कहें या विडंबना लेकिन नीतीश कुमार की हर बार ये राजनीतिक मजबूरी हो जाती है कि उन्हें कहीं ना कहीं समझौता करना पड़ता है। नीतीश कुमार को बिहार में कभी पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लिहाजा उन्हें समझौते की ही सरकार बनानी पड़ी। सात बार मुख्यमंत्री रह चुके नीतीश कुमार ने 6 बार बीजेपी के समर्थन से और एक बार आरजेडी समर्थन से सरकार बनाई।