महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने बाल देखरेख संस्थाओं का किया निरीक्षण
रायपुर. महिला एवं बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया अपने एक दिवसीय कबीरधाम प्रवास के दौरान किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत संचालित शासकीय बालगृह बालक एवं विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती भेंड़िया के साथ छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्रीमती पूजा खनुजा विशेष रूप से उपस्थित थे।
मंत्री श्रीमती भेंड़िया निरीक्षण के दौरान विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण कवर्धा में निवासरत बच्चों के स्वास्थ्य पोषण एवं सुरक्षा का जायजा लिया। विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण कवर्धा के प्रबंधक सत्यमित्र शास्त्री ने संस्था के गतिविधियों एवं उपलब्धिओं की जानकारी देते हुए बाताया की यह संस्था विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत पंजीकृत है तथा यह संस्था 2015 से स्नेह संर्वाेदय सेवा संस्था राजनांदगांव द्वारा संचालित किया जा रहा है। संस्था में 0 से 6 वर्ष के बच्चों का स्वास्थ्य पोषण एवं सुरक्षा का पालन किया जाता है तथा दत्तक ग्रहण विनियम 2017 के प्रावधानों के तहत दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण किया जाता है। विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण कवर्धा से कुल 40 बच्चों की दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण किया गया जो यहां से बच्चें देश-विदेश में निवासरत है। यहां 40 भावी दत्तक अभिभावकों ने पंजीयन कराया है जिनमें से 09 अभिभावकों को बच्चे प्राप्त हो चुके है। इस तरह संस्था द्वारा कुल 51 बच्चों को संरक्षण देकर स्वास्थ्य पोषण एवं सुरक्षा का लाभ दिया गया है। संस्था की व्यवस्था एवं सुरक्षा देखकर महिला बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमति भेंड़िया एवं छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य श्रीमती खनुजा द्वारा संस्था की प्रशंसा करते हुए संस्था में निवासरत बच्चों एवं कर्मचारियों के उज्जवल भविष्य की कामना की तत्पश्चात् किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत संचालित शासकीय बालगृह बालक कवर्धा का निरीक्षण किया गया।
मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने निरीक्षण के दौरान शासकीय बाल गृह निवासरत बच्चों के स्वास्थ्य पोषण संरक्षण एवं सुरक्षा का जायजा लिया। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आनंद तिवारी ने शासकीय बाल गृह के गतिविधियों उद्देश्य प्रावधानों एवं उपलब्धिओं की जानकारी देते हुए बाताया कि यह संस्था किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत पंजीकृत है। इसमें देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले 06 से 18 वर्ष के बच्चों को संरक्षण दिया जाता है इन बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं सुरक्षा दिया जा रहा है। वर्तमान में कुल 21 बच्चें निवासरत हैं सभी बच्चें स्कूलों में अध्ययनरत है। शासकीय बाल गृह कवर्धा से कुल 141 बच्चों को नियमानुसार उन्हें लाभान्वित किया गया है।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने सत्यनाराण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी एवं रितेश तम्बोली बाल कल्याण अधिकारी से बच्चों के स्थानीय स्तर पर ट्यूशन की व्यवस्था एवं खेल-कूद के विषय में चर्चा कह जिसमें जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने स्थानीय स्तर पर शिक्षक की व्यवस्था एवं विभिन्न खेल सामाग्री के माध्यम से खेल मैदान की उपलब्धता की जानकारी से अवगत कराया इसी क्रम में बाल कल्याण अधिकारी ने बताया कि बच्चें सुबह-शाम पढा़ई के साथ-साथ शारिरिक अभ्यास भी करते है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्रीमती पूजा खनुजा ने बच्चों के कैरियर के संबंध में चर्चा करते हुये संस्था के कर्मचारियों को बच्चे के रूची अनुरूप उन्हें व्यावसायीक प्रशिक्षण ग्रीष्मकालीन समरकैप में कम्प्युटर प्रशिक्षण डॉस संगीत एवं अन्य प्रशिक्षण कराये जाने निर्देश दिया।
महिला बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया एवं श्रीमती पूजा खनुजा बालगृह के बच्चों से मिलें और उनसे बात किया जिससे बच्चों ने संस्था में अच्छी शिक्षा स्वास्थ्य पोषण एवं संरक्षण दिये जाना बताया इस दौरान सभी बच्चे बहुत उत्साहित रहें। मंत्री ने बच्चों को अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखतें हुए, अच्छी शिक्षा को प्राप्त कर उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हेतु सतत् प्रयास करने प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने दोनों संस्था की अच्छी व्यवस्था सुरक्षा एवं सुचारूरूप से संचालन के लिए प्रशंसा करते हुए संस्था में निवासरत बच्चों एवं कर्मचारियों की उज्जवल भविष्य की कामना कर प्रशन्नता व्यक्त की। निरीक्षण के दौरान श्री सतनाम सिंह खनुजा, श्री जतीन भेडिया, एसडीएम बोड़ला, अरविंद सोनी उप संचालक समाज कल्याण विभाग, कु. क्रांती साहू संरक्षण अधिकारी, विनय कुमार जंघेल, भारती परमार समाजिक कार्यकर्ता एवं समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।