’खेती-किसानी का सीजन, आंगनबाड़ी तक ना आ सकने वाली माताओं के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता टिफिन में पहुंचा रही सुपोषण आहार’
’बच्चों को अंडा और अतिरिक्त पोषण आहार, और माताओं की एचबी जांच व सुपोषण थाली के जरिए कुपोषण को दूर करने प्रशासन का हर संभव प्रयास जारी’
कोरिया. कोरिया जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत माताओं एवं बच्चों को शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
इसी कड़ी में जिले में बच्चों तथा गर्भवती, शिशुवती माताओं को गरम भोजन दिया जा रहा है। सुपोषण थाली के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों में एनीमिक गर्भवती तथा शिशुवती माताओं को सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार सप्ताह में पांच दिवस पोषण युक्त आहार दिया जाता है। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा की विशेष पहल पर रोजाना आंगनबाड़ी केन्द्रों तक आने में असमर्थ महिलाओं को उनके घर एवं कार्यक्षेत्रों तक पहुंचकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा टिफिन के माध्यम से पोषण आहार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वनांचल से घिरे कोरिया जिले में ग्रामीण परिवेश में महिलाओं द्वारा घर-परिवार के देखरेख एवं कामकाज में व्यस्तता के चलते पोषण आहार की अनदेखी से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। एनीमिया की श्रेणी में आने वाली महिलाओं में सर्वाधिक संख्या गर्भवती तथा शिशुवती माताओं की होती है। एनीमिया से बचाने जिले में एनीमिक गर्भवती, शिशुवती माताओं को सुपोषण थाली उपलब्ध करायी जा रही है।
’खेतीबाड़ी के कामकाज में व्यस्त मीना तथा प्रेमवती आंगनबाड़ी जाने में थीं असमर्थ,अब खेतों में ही पहुंच रही सुपोषण थाली-’
केस 1- ग्राम डोमनपारा निवासी 28 वर्षीय गर्भवती मीना ने बताया कि खेती बाड़ी का सीजन है। रोजाना आंगनबाड़ी जाना नहीं हो पाता है। आंगनबाड़ी वाली दीदी एक दिन स्वयं मेरे घर आयीं, मैंने उन्हें अपनी समस्या बतायी, अब वो रोज मुझे यहां खेत मे टिफिन पहुंचाने आती हैं। उन्होंने मुझे घर पर खान-पान तथा स्वच्छता सम्बन्धी देखभाल की जानकारी भी दी है।
केस 2- ग्राम डोमनपारा निवासी 25 वर्षीय गर्भवती महिला प्रेमवती बताती हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीदी ने एनीमिया के बारे में बताया और मेरी एचबी जांच भी की गई थी। उन्होंने आंगनबाड़ी में दी जा रही सुपोषण थाली के बारे में भी बताया और आकर गरम भोजन खाने की सलाह दी। रोपा का समय है, ऐसे में थोड़ी समस्या होने लगी तब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीदी ने मेरी मदद की और अब वे टिफिन में सुपोषण आहार दे जाती हैं। प्रेमवती कहती हैं कि जैसे ही काम खत्म होगा, वे आंगनबाड़ी जरूर जाएंगी।