प्रशासनिक सेवक बनने का सपना चंचल की आंखों में, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना से मिली 20 हजार रूपए की राशि देगी उसके हौसलों को उड़ान

बेटियों के सपने भी होंगे सकार, सभी के खातों में पहुंची 92 लाख 40 हजार रूपए की राशि, भावी पीढ़ियों का भविष्य तय करती मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना

दुर्ग. उत्साही और दृढ़ निश्चय वाली चंचल बिजौरा ने अपने हौसलों से उड़ान भरने की तैयारी कर ली है, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजनांतर्गत मिले 20 हजार रूपए की राशि उसके बैंक खाते में आ गई है। जिसे वो अपने कॉलेज के पढ़ाई के लिए जमा कर रखना चाहती हैं। लड़कपन के उम्र में भी इस लड़की को अपने भविष्य को लेकर होने वाली चिंता उसे दूसरों से अलग करती है। चंचल प्रशासनिक सेवा में आकर शासन की जनहितैशी योजनाओं का हिस्सा बनना चाहती है। वो चाहती है कि हर जरूरत मंद का सपना हकीकत बने। आंखों में प्रशासनिक सेवा का सपना लिए चंचल कहती है कि सपना ही देखना है तो बड़ा क्यों नहीं, जब तक आप बड़ी लकीर खींचने की कल्पना नहीं करेंगे तब तक छोटी लकीर भी खींच सकते। आज शासन की नोनी सशक्तिकरण योजना लड़कियों को ऐसा हौसला दे रही है कि बिना पंख के भी वो उड़ने के लिए तैयार हैं। कोई आई.ए.एस. बनना चाह रहा है तो कोई शिक्षक बन कर समाज को एक नई दिशा देना चाह रहा है।
राज्य शासन ने महिला सशक्तिकरण को केन्द्रित रखकर इस गणतंत्र दिवस पर जिले की 09 बालिकाओं के खाते में 1 लाख 80 हजार रूपए की राशि डाली। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना से लाभान्वित होने वाले हितग्राही चंचल बिजौरा, सोनिया, अमृता साहू, वर्षा, श्वेता, पायल, माही अमृत, मुस्कान, डिम्पल, नेहा है जिन्होंने शासन को उनके इस सहयोग के लिए अभार व्यक्त किया है।
92 लाख 40 हजार रूपए की राशि से लाभान्वित हुए हैं 462 हितग्राही- मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत् पात्र 462 हितग्राहियों की पुत्रियों को जिले में 92 लाख 40 हजार रूपए की राशि के साथ लाभान्वित किया जा चुका है। इस राशि को सीधे श्रमिक परिवारों के बैंक खाते में ट्रांजेक्शन कर उनकी बेटियों को शासन सशक्त और आत्म निर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे परिवार को शिक्षा के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं और श्रमिकों के बेटियों की शादी में भी यह राशि उनके परिवारिक दायित्व के बोझ को भी कम कर रही है।

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