अच्छी बारिश से किसानों के खिले चेहरे
अब तक 50 फीसदी से ज्यादा हुई बोनी
– 68 हजार किसानों को खेती-किसानी के लिए करीब 300 करोड़ का ऋण वितरण
महासमुंद. महासमुंद जिले में हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। पानी बरसा तो किसान खुशी से झूम उठे। यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पिछले कई दिनों से बारिश न होने से किसान बेहद परेशान थे। उनको अपनी फसलों के बर्बाद होने की चिंता सता रही थी। यही दुआ कर रहे थे कि किसी भी तरह पानी बरसा दो।
मानसून आने के बाद जिले में खरीफ की बुआई भी हो चुकी है और धान के साथ अन्य फसल भी खेतों में नजर आने लगी लेकिन अब तक अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी झलक रही है। कृषि विभाग द्वारा अब तक 68,016 कृषकों को खेती किसानी के लिए 299 करोड़ 92 लाख का ऋण वितरण किया गया। वर्ष 2021-22 खरीफ वर्ष में 54,082 कृषकों को खेती-किसानी के लिए 220.93 करोड़ का ऋण वितरण किया गया था।
सहायक संचालक कृषि श्री अमित मोहंती ने बताया कि किसानों ने खरीफ वर्ष 2022-23 में लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा बोनी पूरी कर ली है। किसान धान रोपा में व्यस्त हो गए है। हर तरफ खेतों में महिलायें रोपा लगाती हुई नजर आ रही है। कृषि विभाग द्वारा जिले में तकरीबन 264.200 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल बोनी का लक्ष्य है। जो पिछले खरीफ वर्ष से ज्यादा है। इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 95 हजार 110 हेक्टेयर में किसानों द्वारा खरीफ मौसम की धान, मक्का, दलहन और तिलहन फसलों की बुआई पूरी की जा चुकी है। पिछले साल इस अवधि में बोनी का प्रतिशत इसी के आस-पास था। जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 18 जुलाई तक 465 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। इस दौरान सबसे ज्यादा 713 मिलीमीटर बारिश महासमुन्द विकासखंड में हुई है। जिले में किसानों द्वारा धान रोपाई का काम किया जा रहा है।
कृषि अधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से जिले के किसानों को 41,555 क्विंटल बीज वितरण किया जा चुका है। इसमें स्थानीय बीज विक्रेता भी शामिल है, वहीं अब तक 50,662 मेट्रिक टन खाद का वितरण किया गया है। जिसका लक्ष्य 1,21,750 मेट्रिक टन है। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में मांग के अनुसार किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराने की कार्रवाई की चल रही है। किसानों के लिए सस्ता कृषि लोन मिल रहा है, वही खेती में तकनीकी प्रयोग बढ़ानें पर केन्द्र और राज्य सरकार का विशेष जोर है। इसके साथ ही कृषि उपज की लागत कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने के प्रति वचनबद्ध है। कृषि बीमा योजना से किसानों को राहत भी मिल रही है।